Monthly Archives: August, 2020
पुण्यतिथि पर याद किए गए शिक्षाविद राम नारायण प्रसाद रमण
पुण्यतिथि पर याद किए गए शिक्षाविद राम नारायण प्रसाद रमण
बिहार के सीमांचल में शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान करने वाले पूर्व प्रधानाध्यापक...
शानदार फीचर्स कर साथ नोकिया ने भारत में लांच किए दो बजट स्मार्टफोन
एचएमडी ग्लोबल ने भारत में अपने नए स्मार्टफोन नोकिया 5.3 और नोकिया C3 लांच कर दिया है। भारत में नोकिया 5.3 के 4 जीबी...
बोते हैं हम नेह: अर्चना श्रीवास्तव
बोते हैं हम नेह,
कभी तो सुन्दर पौधे आएंगे
अपने घर के गमलों में,
खुश होकर कुछ गायेंगे
अलग रंग, अलग रूप के,
खूश्बू सब फैलायेंगे
सभी जड़ों में एक...
जीएसटी भुगतान के विलंब पर 1 सितंबर से देना होगा ब्याज, पिछली वसूली में राहत
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क विभाग ने स्पष्ट किया है कि जीएसटी के भुगतान में देरी पर 1 सितंबर से शुद्ध कर देनदारी...
जब तुमसे बात नहीं होती: जसवीर त्यागी
जब तुमसे बात नहीं हो पाती
तब बात न हो पाने की बात
किसी नटखट बच्चे की तरह
आकर मेरे कानों के पास
जोर से कहती है
आज नहीं...
कृष्ण प्यारी श्री राधे: गरिमा गौतम
मृदुल भाषिणी, सौंदर्यराषिनी
परम पुनीता, नित्य नव नीता
कृष्ण की प्यारी श्री राधे
रास विलासिनी, दिव्य सुहासिनी
नवल किशोरी, अति ही मोरी
वृष भानु की तनुजा श्री राधे
कंचन वर्णी,...
एक क़ातिल है: सुरेंद्र सैनी
कोई अंदर बैठा क़ातिल है
शाम आज कुछ बोझिल है
क्या उखड़न अंदर बैठी है
विराग; भीतर शामिल है
पीछे मुड़कर क्या देखूँ मैं
कितना मुझको हासिल है
'उड़ता' तू...
ऐसा इश्क किया था: मुकेश चौरसिया
हुआ तुम्हारा नाम बहुत,
हम भी हुए बदनाम बहुत
धन दौलत की लगी बोलियाँ,
इश्क हुआ नीलाम बहुत
तुमको आना था न आए,
भेजे हम पैगाम बहुत
बैठे रह गए...
कुत्ते: जॉनी अहमद
ये आवारा बीमार राहों के कुत्ते
आपस में लड़ते झगड़ते ये कुत्ते
एक हड्डी की ख़ातिर हो पागल ये कुत्ते
कहीं भी उठाले जो एक टांग कुत्ते
ये...
जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज लाइन का कार्य लगभग पूर्ण, जल्द शुरू होगा ट्रेनों का आवागमन
जबलपुर-बालाघाट-गोंदिया के बीच चल रहा ब्रॉडगेज रेल लाइन का कार्य अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस कार्य को पूर्ण होने में कुछ...
तुम्हारे प्रेम में: रूची शाही
तुम्हारे प्रेम में, बस मैं ही नहीं
मेरी कुछ कविताएं भी उदास सी रहने लगी
ये कविताएं शुरुआती पन्नों को छोड़कर
बीचों बीच एकांत में लिखीं गयीं
जैसे...
क्या मंजर है: अर्चना श्रीवास्तव
गली-गली में शव का मंजर,
डरे-डरे सारे नारी-नर
धरती कांप उठी है अंदर,
सिसक उठा सारा अभ्यंतर
ऐसी घनी तबाही आई,
जीवन का हर डोर फँसा है
जिधर देखिये उधर...