Monday, October 21, 2024

Daily Archives: Oct 14, 2020

सीएम शिवराज सिंह चौहान की बड़ी घोषणा, मध्य प्रदेश में खुलेंगे सभी देवी मंदिर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नवरात्र के दौरान प्रदेश के सभी देवी मंदिर खुले रहेंगे तथा श्रद्धालुजन आसानी से माता के...

जबलपुर में 90 प्रतिशत के पार पहुंच कोरोना संक्रमण का रिकवरी रेट

मध्य प्रदेश के जबलपुर में वहीं पिछले चौबीस घण्टे के दौरान कोरोना संकर के 69 नये मामले सामने आये हैं। जिसके बाद शहर में...

प्रेम सुधा रसधारे: स्नेहलता नीर

बरस बाद सावन बन, साजन आए हैं सखि पास हमारे। सरसाया मन का वृंदावन, पाकर प्रेम सुधा-रसधारे।। उत्सव मना रहीं हैं साँसें, धड़कन बजा रही शहनाई। पलक...

विज्ञान क्या कहता है माँ दुर्गा की आराधना के पर्व नवरात्रि के बारे में

माँ दुर्गा की आराधना का त्यौहार नवरात्रि आ रहा है। जो कि 17 अक्टूबर से प्रारंभ होगा। इस नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं...

बढ़ा जान का जोख़िम, लाइनमैनों के पास नहीं हैं सुरक्षा उपकरण

अपनी जान को जोख़िम में डाल कर करंट का कार्य करने वाले पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लाइनमैनों के पास सुरक्षा उपकरण तक...

शेयर बाजार में गिरावट का रुख, 300 अंक नीचे आया सेंसेक्स

घरेलू शेयर बाजार में आज बुधवार को भी गिरावट देखी जा रही है। बाजार में बिकवाली होने से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान...

भारत माता की जय बोलो: रकमिश सुल्तानपुरी

देशभक्ति बस एक धर्म हो मंदिर मस्ज़िद वालो नर- नारी भारतवासी में देशप्रेम भर डालो जाति -पाति का भेद मिटाकर मानवता का अमृत घोलो भारत माता की जय बोलो धर्म श्रेष्ठ यह...

बेटी की विदाई: जसवीर त्यागी

वह एक लोक गीत था बेटी की विदाई का जिसकी भाषा हमारी भाषा से भिन्न थी गीत के बोल हमारी पकड़ से परे फिर भी सुनने वालों की आँखें नम थीं भाषा...

लेखनी का नूर: जयलाल कलेत

उनकी तरह घड़ियाली आंसू मत रोना, लेखनी तुम अपना नूर मत खोना, पेचीदा है यहां की सियासत, तुम फिदा उन पर मत होना, लेखनी तुम अपना नूर मत...

खबर: सुरेन्द्र सैनी

तेरे हँसने की भी ख़बर बनती है दिल बसने की भी ख़बर बनती है मैं तो फिर भी मशगूल हो जाता हूँ बात बनने की भी ख़बर...

चाहत ज़िन्दगी ग़म: राजन कुमार

शर्मिंदगी है हम को बहुत हम मिले तुम्हें तुम सर-ब-सर ख़ुशी थे मगर ग़म मिले तुम्हें मैं अपने आप में न मिला इस का ग़म नहीं ग़म...

गांव बनें आदर्श: गौरी शंकर वैश्य

समय चाल के साथ ही, बदला अपना गाँव। आदिसंस्कृति में पगी, अब भी पीपल छाँव। डोली अधुनातन हवा, गाँव शहर में लीन। कौशल, कला, विशिष्टता, भूल गए प्राचीन। अँग्रेजी शैली रुचे, लुप्त ग्राम्य...

Most Read