Wednesday, October 30, 2024

Yearly Archives: 2020

एक दिन मंज़िल मिल जाएगी: सोनल ओमर

क्या हुआ जो आज मुश्किलों की घड़ी है। विपत्ति के समंदर में नौका फंसी पड़ी है।। भूल न कि तू एक शूरवीर है। लहरों के शोर में...

आइए एक रक्षा की डोर अपनी कलाई पर भी बांधें: सुजाता प्रसाद

समय बहुत सुगम है, समय बहुत निर्मम है। समय का पहिया चलता ही रहता है। बस समय अच्छा या बुरा होता है, इसलिए समय...

रोज भटकता रहता हूँ: रामसेवक वर्मा

पग पग पर गर्दिश के बादल, मैंने इतने देखे हैं खुशियों के सपने तुमने, अब तक जितने देखे हैं इस दुनिया में रहते रहते, दशक बहुत...

रंग: जसवीर त्यागी

गुलाबी रंग बुलाता है नीले रंग को अपने पास नीला रंग शरमाता है, लजाता है इंकार करता है गुलाबी रंग अपनी बाहें खोल देता है फिर बुलाता है नीला रंग हँसता है दूर खड़ा...

अररिया की स्नेहा किरण बनीं आईएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य

बिहार के अररिया जिले की जानी मानी पत्रकार, लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जिला संयोजिका (प्रसार विभाग) श्रीमती स्नेहा किरण को...

मेरा सावन: सीमा चोपड़ा

तेरी यादों की बारिश है, भीगा-भीगा सा दामन , और बहका-बहका सा मन है, मैंने अश्क़ों में एक सावन छुपा कर रखा है, तेरे साथ गुज़रे , उन गीले-गीले...

मुंशी प्रेमचंद साहित्य जगत के अनमोल रतन: अतुल पाठक

प्रेमचंद बहुमुखी प्रतिभा के गुणी साहित्यकार थे। उन्होंने अपनी रचनाओं में जन साधारण की भावना, परिस्थितियाँ और उनकी समस्याओं का बखूबी मार्मिक चित्रण किया...

प्रेमचंद: प्रीति कुमारी

साहित्य के सरोकार, जिनकी रचना में, निर्धन, दलितों, नारी, के करुण स्वरो की है पुकार, कहलाते है वह साहित्य सम्राट वाराणसी में है जन्म लिया, नवाब राय नाम से लेखनी...

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद: श्वेता राय

नैतिकता को बढ़ते देखा, प्रेमचंद के साये में। प्रेम भाव को चढ़ते देखा, प्रेमचंद के साये में। रंगभूमि से कर्मभूमि तक, कायाकल्प हुआ कितना, प्रेमाश्रम में ढ़लते...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट के नए भवन का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने आज संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मॉरीशस में सुप्रीम कोर्ट के नए...

साथी तुम आवाज़ न दो: रूची शाही

सौ आँसू रखकर आँखों मेंतोड़ गए तुम नेह के बंधनदीद को तेरे तड़प तड़प केबरस रहा आँखों से सावनजो होना था बीत चुका अबफिर...

कवि नहीं वह अभिनेता है: मनीषा कुमारी

कुछ लोगों को लगता है कि वह एक कवि है क्योंकि वह कविताएँ लिखता है परंतु कविताएँ लिखी नहीं जातीं उनका तो जन्म होता है कविताएँ उन्मुक्त होती हैं किंतु...

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