Yearly Archives: 2020
देश हो तो भारत जैसा: गरिमा गौतम
जीवन मे भाव हो तो शबरी जैसा,
कि प्रभु भी झूठे बेर खा जाये
त्याग होतो उर्मिला जैसा,
जो पति इच्छा के लिये विरह स्वीकारे
विश्वास होतो सावित्री...
तुम्हारे बिना: रामसेवक वर्मा
स्मृति में
खुशबू इस उपवन की,
गुम हो गई तुम्हारे बिना
गए तुम कहां दूर कितनी,
उपवन को संवारे बिना
सूख रही डाली डाली और,
पत्ती अब तुम्हारे बिना
अचानक क्यों...
दलबदल का वायरस: नवेन्दु उन्मेष
किफायती लाल मेरे शहर के नामीगिरामी नेताओं में शुमार हैं। वे विधायक से लेकर सांसद तक के ओहदे तक पहुंच चुके हैं। सुबह की...
कारगिल विजय: आलोक कौशिक
सन् निन्यानवे था
थी वो माह जुलाई
शत्रु से हमारी पुनः
छिड़ी हुई थी लड़ाई
मार रहे थे शत्रुओं को
हमारे वीर महान्
राष्ट्र की रक्षा हेतु
दे रहे थे बलिदान
दिन...
कारगिल युद्ध के 21 वर्ष: सोनल ओमर
करती हूँ शत-शत नमन उन वीरों को
आपरेशन विजय में जिनकी जान गई
दो माह के भयंकर जंग में विजय मिली
26 जुलाई को, जिसकी शुरुआत थी...
कारगिल विजय दिवस: अतुल पाठक
26 जुलाई 1999 एक ऐसा दिन था जिसे हरगिज़ भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि उस दिन भारत ने कारगिल में पाकिस्तान से युद्ध में...
इक ज़िंदगी और जिएँ: सलिल सरोज
वैकल्पिक सोच के इस युग में, एक महत्वपूर्ण लड़ाई है जिसे हम सभी को लड़ना चाहिए, सेवानिवृत्ति के विचार के खिलाफ। एक समाज के...
प्यार तो वो मंज़िल है जनाब: प्रीति नेगी
प्यार किसी का मोहताज नहीं होता
प्यार गुड्डे-गुड़िया का खेल नहीं होता
प्यार को हासिल करना ही सब कुछ नहीं होता
प्यार तो वो मंज़िल है जनाब!
जहाँ...
क्यों कहता है समाज: शिल्पा कुमारी
पापा की परी कहते है मुझे,
फिर उडने क्यों नही देता यह समाज?
मेरी माँ भी मेरे साथ खड़ी है
फिर कुछ करने क्यों नहीं देता यह...
संभालकर रखा है अश्क़: रवि प्रकाश
टूटे हुए शीशे में तस्वीर सजाई नहीं जाती
टुकड़े हुए दिल में मुहब्बत बसाई नहीं जाती
कहकर अपना फिर कैसे गैर सा काम करें
नसीहतें कुछ भली...
आभासी दुनिया का प्यार: मनीषा कुमारी
उस व्यक्ति के प्रोफ़ाइल में लगी तस्वीर को देखकर स्नेहा कश्यप काफ़ी आकर्षित हो गई। अत्यंत आकर्षक व्यक्तित्व वाले उस युवक का नाम था-...
गुजरा वक़्त अच्छा था: सुरेंद्र सैनी
मिजाज सख़्त अच्छा था जैसा भी रहा
गुजरा वक़्त अच्छा था जैसा भी रहा
जरूरतें बनी रही जहाँ तक चलती रही
इंसान आसक्त अच्छा था जैसा भी...