Yearly Archives: 2020
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में लगाए गए प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकती हैं राज्य सरकारें
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए 17 मई को लॉकडाउन प्रतिबंधों के बारे में संशोधित दिशा-निर्देश जारी...
चक्रवाती तूफान अम्फान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 25 टीमें तैनात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हो रहे चक्रवाती तूफान 'अम्फान' से निपटने के उपायों की समीक्षा के लिए आज एक...
पूरी हो अरदास: सुरेंद्र सैनी
रह-रह के चुभ रही,
मेरे सीने में एक फ़ांस
कैसे सुलझेगी उलझन,
क्या है इनका सारांश
सारी युक्ति लगा देखी,
नहीं मिला लाभांश
जैसे रास्ता भटक गया,
मेरा दूर बहुत आवास
बिगड़ी...
पाँव के छाले: ईशिका गोयल
तपती दोपहर नंगे पांव
जा रहे हैं अपने गाँव
वो तुम्हारे साथ राष्ट्र के निर्माण में आगे रहे
तुम महलो में सोए वो जागे रहे
जब तक रुक...
दोस्ती- दीपा सिंह
दोस्ती जिंदगी जीने का दूसरा नाम है
क्या पता कल क्या हो
ऐ मेरे दोस्त तू सलामत रहना
मुझे भूल मत जाना
जो वक्त हमने साथ में गुजारें...
कोविद-19 का कहर- वीरेन्द्र प्रधान
एक के बाद एक अनेक
कोष्ठकों में बन्द गणितीय समस्या सा
बार-बार के लॉक डाउन में कैद है
तन और मन
समस्याओं का कुछ समाधान निकले
यदि टूटें कुछ...
तीखा तीर
एक दो, तीन अब चार
लठ्ठातंत्र की जय जय कार
वादों की लागी बौछार
गरीब लुटा बीच बजार
घर खातिर तरस रहा है
कोरोना से लड़ रहा है
-वीरेन्द्र तोमर
चक्रवाती तूफान में बदला अम्फन, कल ओडिशा की ओर बढ़ने की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा जारी जानकारी के अनुसार दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और आस-पास के क्षेत्र में बना अत्यधिक कम...
पूरे देश में 31 मई तक बढ़ाई गई लॉकडाउन की अवधि, पढ़िए कहाँ रहेगा प्रतिबंध और कहां मिलेगी छूट
देश कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे देश में पूर्ण लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढाते...
वंदन कोरोना योद्धा- डॉ शेख
ऐ भारत के वीरों,
ऐ धरती माँ के दिलेरों,
तुम ही हो असली हीरो,
तुम्हे सलाम तुम्हे सलाम तुम्हे सलाम
तुम निडर बड़े निराले हो,
हर जान के रखवाले...
मौत में जिन्दगी ढूंढ़ लो: रवि प्रकाश
अपने गमों में खुशी ढूंढ़ लो
हर जख्म में इक हँसी ढूंढ़ लो
नेमत समझ शौक से लो उसे
गर है कमी तो कमी ढूंढ़ लो
खुशबू रहे...
यादें: मनोज कुमार
तेरे शहर से मेरे घर तक,
कोई आता जाता रहता है,
तेरी गलियों से निकल कर,
रोज मेरी खिड़की तक आता है,
हवा के झोंके के साथ रोज,
बालकनी...