Monday, October 28, 2024

Yearly Archives: 2020

आयकरदाताओं को मिली राहत, बढ़ी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने की अंतिम तिथि

देश में कोरोना वायरस से उपजे संकट से मंद पड़ी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री...

आ गया है राज मेरा- पुष्पेन्द्र सिंह

हो गई मेरी जमीं सब हो गया है ताज मेरा मैं अँधेरा कह रहा हूँ आ गया है राज मेरा ज़ुर्म के बादल बनेंगे ख़ून की बरसात होगी नफ़रतों का...

एमएसएमई और मध्यम वर्ग के लिए वित्तमंत्री ने की कई घोषणाएं, जानें क्या है विशेष

देश में कोरोना वायरस से उपजे संकट से मंद पड़ी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री...

लॉकडाउन खत्म होते ही केंद्रीय कर्मचारियों की पदोन्नति का रखा जाएगा ध्यान

कोविड महामारी के दौरान विलक्षण और अपने किस्‍म का पहला कदम उठाते हुए कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने आज...

देश में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कैंटीनों और स्टोरों पर अब मिलेंगे सिर्फ स्वदेशी उत्पाद

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार देश को आत्मनिर्भर बनाने और भारत में बने उत्पाद उपयोग करने की एक अपील की थी। केंद्रीय...

यादें रो रही हैं- नेहू शब्दिता

ये सन्नाटे खामोश नहीं हैं इसमे चीखे गूँज रही हैं मौत की दहलीज पर खड़े जन की इसमे डर बड़बड़ा रहा है अप्रिय घटना के अन्देशा का इसमे यादें...

वो बेवफा- सुरेंद्र सैनी

हिमेन की फ्लाइट रात नौ बजे है लेकिन ज़्यादा ट्रैफिक के चलते वह एयरपोर्ट 6:30PM पर ही पहुँच गया। सभी आवश्यक फॉर्मेलिटी के बाद...

दे रहा चुनौती- राम सेवक वर्मा

दे रहा चुनौती बार-बार, ये थोथी उसकी धमकी है समझा है कमजोर हमें जो, उसकी ये न समझी है मुक्ति पाकर अंग्रेजों से, हम संभल नहीं...

मेरी प्यारी बहन- कुसुम साहू

नहीं कर पाती हूँ मैं तुझे सहन तेरा तो सबसे अलग है रहन-सहन इसलिए तो तू है मेरी प्यारी बहन कभी तू करती है तंग कभी तुझे मैं...

पढ़े प्रधानमंत्री का पूरा संबोधन: अर्थव्यवस्था को गति देने पीएम मोदी ने की 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते...

पर्यावरण- पूजा पनेसर

पर्यावरण अगर है हमारा, तो फिर क्यूँ ऐसे तुमने है बिगाड़ा पानी में तूने गन्दगी को बाँटा पेड़ को जैसे अंधाधुँध काटा करता है तू मेरा-मेरा कहाँ करेंगे पंछी...

गाँव की याद- सुनीता वालिया

कैसे भूल जाऊँ अपना गाँव जहाँ रात ऐसे आती थी जैसे सितारों से भरी चादर ले आती थी ओढ़ाने को शहर की बड़ी-बड़ी इमारतों में चांद मुश्किल से ही...

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