Yearly Archives: 2020
यही मर्म है मैंने जाना- डॉ रामाकान्त
देवदार बन सकें नहीं तो,
घाटी में झुरमुट बन जाओ
निर्झर तट पर सुन्दरता से,
अपनी तुम जग को हर्षाओ
यदि न महातरुवर बन पाए
बन झाड़ अथवा तृण...
कब्रिस्तान में कोरोना- नवेन्दु उन्मेष
कोरोना को लेकर कब्रिस्तान में हलचल तेज हो गयी थी। प्रत्येक मुर्दा यह जानने को बेताब था कि आखिर कोरोना क्या है। कुछ मुर्दे...
जज़्बात- निशांत खुरपाल
मैं मोहब्बत का शायर हूँ पर मौजूदा हालात
मुझको मोहब्बत लिखने नहीं देता
आग उगल रहा हूँ मैं अपनी कलम से,
और हुकमरान मेरे शब्द दिखने नहीं...
किसी चेहरे पे- बलजीत सिंह
अलग ये बात है चर्चा नहीं था
मगर महलों में क्या होता नहीं था
अमीरों के सुने किस्से बहुत से
हक़ीक़त में कोई वैसा नहीं था
मुझे सच...
भारत होगा फिर से खास- वीरेन्द्र तोमर
मत होना कोई निराश
काम होगा सब के पास
धन्धों की होगी नई शुरुआत
भारत होगा फिर से खास
कोरोना को मर जाने दो
ताले को खुल जाने दो
मजदूरों...
उसके प्यार का- तारांश
आँसू बहाता रहा और अँगूठा चलता रहा
कुछ यूँ उसके प्यार का सूरज ढलता रहा
जाम छलकती रही सावन में घर के अंदर
बिन छत का ग़रीब...
संघर्ष- प्रतिभा राज
मैं जाना चाहती हूँ कहीं दूर
जहाँ ये शोर न हो
इतनी खामोशी भी न हो
की मन व्याकुल हो उठे
कि कोई साथ तो हो लेकिन मुझे...
स्पेशल ट्रेनों की समय सारिणी घोषित, यात्री को लेकर चलना होगा खाना-कंबल
रेल मंत्रालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श से 12 मई से भारतीय रेल की यात्री सेवाएं...
जिंदगी- अन्नपूर्णा देवांगन
सड़कों पर निकली है
सड़कों सी जिंदगी
कहीं पर दुख के मोड़
तो कहीं पर सुख का निचोड़
कहीं पर राहें आसान
तो कहीं पर मंजिल अनजान
कभी बीत जाती...
मसूरी की शाम- सुनीता वालिया
उस रात मैं मसूरी पहुची तो होटल मैनेजर के बारे में पूछा तो रिसेप्शन पर खड़ी एक लड़की ने जवाब दिया -जी मैडम! वो...
तीखा तीर
हरा सिगनल हो गया
चलने लगी अब रेल
इन पर अमीर चलेगा
नहीं गरीब का खेल,
राजधानी से राज्यों को
दौड़ेंगी सब पंद्रह मेल
मध्यमवर्ग झेलें तालाबन्दी
-वीरेन्द्र तोमर
विडंबना ये कैसी- सीमा कृष्णा
देखो ये विडंबना कैसी आन पड़ी,
मुझसे ही जन्मा, आज मुझे ही अछूत कहता है
मेरी ही कोख के जाए को
आज मेरी ही परछाईं से ऐतराज़...