Yearly Archives: 2020
माँ लौटा दो- अनिल कुमार मिश्र
रिश्तों की राहें सब टेढ़ी
अपने सब हैं छलनेवाले
इसको तोड़ा,उसको तोड़ा,सबको फोड़ा
सब रिश्तों को सब रिश्तों से तोड़ा, फोड़ा
अब रहने भी दो
छोटे भाई, बहन का...
भले ज़माने- निशांत खुरपाल
मुद्दतों बाद जब हम कभी,
एक-दूसरे से मिला करते थे,
पहले जी भर कर एक-दूसरे का दीदार,
और फिर एक दूसरे से गिला करते थे
हमारे दौर में,...
माँ- प्रीति कुमारी
खूब हँसाती है माँ,
हर पल साथ निभाती है माँ
जब भी ही जाए आँखें नम,
तब सीने से लगाती है माँ
धूप में छाया बन जाती है...
तीखा तीर
पंखुडियां बदरंग हो रही
लखै बीच दरार
खबरनबीस बक रहे
सुन लो हे सरकार
कीचड में पंकज खिलत है
कीचड रहा समाय
अस आलोचक कर रहे चर्चा
-वीरेन्द्र तोमर
ज़िन्दगी का सफ़र- डॉ भवानी प्रधान
ये सफ़र नहीं इतना आसान
रोजी रोटी के लिए छोड़ा था गाँव
साथ परिवार को लेकर
यूँ ही निकल पड़ा था
शहर की ओर
आकर देखा तो
इंसानियत कहीं खो...
पेड़ और नारी- अन्नपूर्णा देवांगन
पेड़ और नारी की प्रकृति एक सी ही है
फल देकर भी मोल चुकाना
पड़ता है हम दोनों को ही।
छोड़ जाते हैं सब एक एक करके
पेंड़...
माँ के बिना कुछ नहीं- दीपमाला पाण्डेय
माँ ही गंगा, माँ ही गीता मेरी माँ में बसी कुरान,
छू लेती हूं उनके चरणों को हो जाता है चारों धाम
मेरी माँ से मैंने...
मधु के प्याले- अनिल कुमार मिश्र
तरस रहे हैं मधु के प्याले,
ढूंढ रहा साकी प्याला
लंबी-लंबी हुई कतारें
खुद ही टूट गया ताला
तुम तो सच्चे मतवाले हो
ढूंढ रहे दिन भर हाला
तुम ही...
अधूरे ख्वाब- मनोज शाह
अधूरे ख़्वाब थे और नदी से मिले
इस तरह से हम आप ही से मिले
यूँ उम्र तो काट ली हमने तन्हाई में,
आखिरी वक़्त में जिन्दगी...
माँ- ममता रथ
जीवन की कड़कती धूप में
अपने आंचल से ठंडी छांव देती है माँ
खुद की थकान भूलकर
हमारी थकान मिटाती है माँ
बच्चों की हर तकलीफ पर
उससे ज्यादा...
ऑरेंज जोन को ग्रीन जोन में बदलने पर केंद्रित करें अपना ध्यान: डॉ हर्षवर्धन
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने पूर्वोत्तर राज्यों में कोविड-19 की रोकथाम और अन्य इंतजामों के साथ स्थिति की समीक्षा करने...
रिश्ते- जयश्री अत्रे
ख्वाहिश है कि
रिश्तों को संभाल कर रखा जाए
रिश्तों की डोर सबसे बड़ी होती है
ता-ज़िन्दगी हम इन रिश्तों से ही
अपनी पहचान बनाते हैं
ये रिश्ते उम्र...