Yearly Archives: 2020
उसके चले जाने से- जॉनी अहमद
उसके चले जाने से कुछ ज़्यादा फ़र्क़ तो नहीं पड़ा
ना मेरी रातों की तन्हाईयाँ बदली
ना दिन की भीड़भाड़ बदली
साँस भी उतनी ही लिया करता...
अज्ञात आकर्षण- नेहा सिन्हा
कल्पना करती मै नित,
समय से परे जाकर
अतीत याद आती मुझे
हर बार,
भीड़ में खोए हुवे
नए पुराने चेहरे
वर्तमान के नए चेहरों में उलझते, उभरते
किससे मिली अब...
एक तपस्या है माँ बनना- अनिल कुमार मिश्र
'माँ' एक ऐसा शब्द है जिसके उच्चारण मात्र से ऐसा लगता है मानो सारी तकलीफ,सारी पीड़ा ही समाप्त हो गयी हो परंतु दिन प्रतिदिन...
प्रेम में स्त्री-पुरुष- जसवीर त्यागी
प्रेम करता हुआ पुरुष
बताना चाहता है
दिखाना चाहता है
उजागर करना चाहता है
अपना प्रेम
सबको
प्रेम करती हुई स्त्री
महसूस करना चाहती है
सहेजना चाहती है
छुपाकर रखना चाहती है
अपना प्रेम
खुद...
पत्थर होने तक- रकमिश सुल्तानपुरी
वक़्त कहाँ है ज़र होने तक
मालिक के नौकर होने तक
उम्र गवां देता है खुद की,
एक घरौंदा घर होने तक
साथ रहेगा तेरा मेरा,
नदियों के सागर...
पेड़ लगाओ, धन कमाओ- वीरेन्द्र तोमर
हर घर से एक पेड़ लगाए
₹500 सरकार महीना से पाए
पर तीन साल में मिले एक बार
जब हो जाए पेड़ तैयार
फूल और पत्ती जो पेड़...
तीखा तीर
आयुर्वेद को गले लगाओ
हर घर में एक पेड़ लगाओ
हरा भरा होगा संसार
लकड़ी का होगा व्यापार
ग्लोबल वार्मिंग का होगा नाश
ऑक्सीजन होगा धरा के पास
पेड़ एक...
कविता स्वयं एक कहानी है- सोनल ओमर
कविता स्वयं एक कहानी है,
एक मीठी-मीठी सी वाणी है,
कभी हमारी, कभी तुम्हारी,
किसी की ज़िंदगानी है,
कविता स्वयं एक कहानी है।।
ये किसी के दिल का समंदर...
आँख का तारा- दीपमाला पाण्डेय
एक माँ के आँख का तारा हो तुमपापा का राजदुलारा हो तुममैंने जो मांगी थी मन्नतें हजारउस मन्नतों का सितारा हो तुमज़िंदगी हमारी खुशियों...
यह कौन-सा रिश्ता?- अंजना वर्मा
विभा के पति का निधन हाल में ही हुआ था और अभी तक वह अपने को सामान्य नहीं कर पायी थी। वह उदासी में...
मोहपाश- समीर शर्मा
अनुरक्ति बंध का मूल
यह विरह व्यथा का शूल
सद्बुद्धि का शील छिन
शरीरांग शिथिल कर जाता
अंतरतम अंशु पीकर यह
वश की माया फैलाता
भावों की अतिशयता से निर्गत
अश्रु...
किताबें- आशा
हमारी किताबों मेंवखज़ाना ही खज़ाना है,
यह एक ऐसा खज़ाना है, जो अमूल्य है
हर पन्ने में भण्डार भरा है ज्ञान का,
इन्हें ही पढ़कर हम डॉक्टर,...