Yearly Archives: 2020
ज़िंदगी में कभी- बलजीत सिंह
दिल किसी का जला ख़ूब से ख़ूबतर
और फ़ितना उठा ख़ूब से ख़ूबतर
ज़िंदगी में कभी फिर नहीं आऊँगा
आपका हो भला ख़ूब से ख़ूबतर
बेक़सूरों की चीखों...
राब्ता- दुपिंदर गुजराल
तू अहसास है, रूह है
इबादत है, बंदगी है
प्यार है, ज़िंदगी है
माँ है, हाँ तू माँ है
तेरी जब याद आती है तो रूह काँप उठती...
अब मोरी रक्षा करौ त्रिपुरारी- वीरेन्द्र तोमर
रक्षा करौ त्रिपुरारी
हल दुई चलें, भैंस घर लागे,
घर ढीली सुन्दर नारी
नौकरी की साज बाढी,
पर मालिक मिला कुपठारी
अब मोरी रक्षा करौ त्रिपुरारी
माहामारी के चक्कर में,
चाकरी...
बदलना होगा सिस्टम को अपना व्यवहार- अशोक जमनानी
कल माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश के आत्मनिर्भर होने की बात की। यदि कोरोना संकट के बाद देश आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाता है...
तुम पास नहीं थे मेरे- रूची शाही
पुराने जख्म रिस रहे थे
आँखों से आँसू भी बह रहे थे
लबों पे सिसकियाँ मचल रही थी
एक उदास फिर से शाम ढल रही थी
और बात...
दिल के किसी कोने में- ज्योति अग्निहोत्री
उम्र ज़ाया कर दी जिन्होंने,
सिर्फ़ सपने संजोने में।
है यथार्थ का भान उन्हें भी,
दिल के किसी कोने में।
उम्र गुज़ार दी जिन्होंने,
और किसी का होने में।
है...
देख अवसर- अश्विनी मिश्रा
जो हृदय-क्रौंच में देख अवसर, संधान करते तीर का,
उनके आगे क्या गायें हम, दर्द अपनी कुंवारी पीर का
विष बुझे तीरों के ऊपर, मीठे शहद...
तीखा तीर
मार के पत्थर य़ा देके गाली,
नहीं एक है चलने वाली
डॉक्टर धरती का भगवान,
सुन ले इतना धर के ध्यान
सम्मान में इनके ठोको ताली,
नहीं माना, तो...
भरत कनफ़ की कविताएँ
स्टीफन हॉकिंग
प्रश्नचिन्ह लगाने पर
ईश्वरिय सत्ता पर
मार दिया गया गैलिलियो को
उसी तर्क को सत्य बनाने, तीन सौ वर्षों बाद जन्में तुम
बना रही थी जब दुनिया
मार्च...
दामन-ए-दिल- शिवोम मिश्रा
तंग कितना भी करे झूठ तो करने देना
तुम मगर सच की ज़िया ख़ुद में उतरने देना
नाम बदनाम न कर जाए कहीं अहल-ए-हवस
दिल की चौखट...
अपने कौन होते है- आशुतोष
अपने कौन होते है
अपने शायद वे होते होते है जो
हर लम्हा हमारे साथ होते है
दिल के यूं पास होते है
हर साँस में वो खास...
एकल पथ- निधि भार्गव
कितनी रातों की
सहर नहीं देखी है मैंने
कितने तारे डूब गये
और कितने सूरज निकल गये
मैं शून्य से अँधकार में डूबी
बैठी रही एकल पथ पर
तुमसे प्रणय...