Yearly Archives: 2020
थोड़ी सी धूप- निधि भार्गव मानवी
सुनो
मैंनें थोड़ी सी धूप,
पल्लू में छुपाकर रख ली है
खामोशी से उतरती हुई शाम जब
उदास रात से मिलेगी न
तो मैं बिखेर दूंगी उसके कदमों तले,
ये...
उपासना पद्दति और धर्म- अरविन्द कुमार श्रीवास्तव
मनुष्य केवल विज्ञान के आधार पर जीवन जीने वाला प्राणी नहीं है। इस कारण वह मानव जीवन के विविध आयामों के मध्य मनुष्यता के...
बिल्ली की हजयात्रा- मुकेश चौरसिया
बिल्ली पुनः हजयात्रा में जा रही है। इन दिनों स्थानीय समाचार पत्रों में डबल कॉलम में और कुछ में पूरे-पूरे पृष्ठ में विज्ञापन रेट...
सरकार समझ बैठे- दीपक क्रांति
बुरी आदतों की हार को फूलों का हार समझ बैठे
अंग्रेजी रटनेवालों को हम समझदार समझ बैठे
पाश्चात्य संस्कृति के इस कदर पिछलग्गू हो गए,
दिखावे के...
नाजायज़ रिश्ता- आलोक कौशिक
अगले हफ्ते डैडी घर आ रहे हैं। मैं आप दोनों की करतूतों के बारे में डैडी को जरूर बताऊंगी। घर को नर्क बना कर...
ये न समझना- मनोज शर्मा
जाड़े की कुनकुनी धूप सी
नहीं होती है जिंदगी
आधी रात को हड्डियां कंपकपाती
सिरहन सी होती है जिंदगी
लेकिन सबको अपना-अपना
लिहाफ़ बुनने का मौका
जरूर देती है जिंदगी
🔸...
उम्मीद- डॉ विभाषा मिश्र
अरसे बीत गए
मग़र मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी
काश मेरी हर उम्मीद पर
तुम उम्मीद रख पाते
एक बार तो आवाज़ दी होती
सबकुछ ख़त्म करने से पहले
एक बार...
किसे मिली छूट, किस पर है प्रतिबंध, गृह मंत्रालय ने जारी किये लॉकडाउन के दिशानिर्देश, जानिए हर एक बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन...
मेरे साथ- रूची शाही
मेरे साथ कहाँ, अब तू दूर तलक जाएगा
दो कदम चलके तेरा हौसला थक जाएगा
जिसे काजल की तरह बसाया आँखों में
थी खबर कब, वो आँखों...
जीना ही है जो- ज्योति अग्निहोत्री
जीना ही है जो,
तो तू आग बन के जी
खुद को मार के,
तू न यूँ ख़ाक बन के जी
देख के भी अन्याय,
न तू यूँ,
होठ सी...
कला साधना- ललित सिंह
मेरी थियेटर की कक्षाओं में हमेशा बताया जाता है
अपनी कला को साधने के लिए
जरूरी है अपनी सांस को साधना,
जब मुझसे पूछा गया
मेरी सांस के...
आज अरसों बाद- शैली अग्रवाल
आज अरसों बाद कोयल कुहू-कुहू बोलने लगी
कानों में मीठा रस घोल मुझसे कुछ कहने लगी
आज तू इंसान अंदर, मैं बाहर रहने लगी
कल जो मेरे...