Yearly Archives: 2020
कहर कोरोना का- दीपक क्रांति
ये करुण-क्रंदन ये कहर कोरोना का
किसने फैलाया ऐसा ज़हर कोरोना का
कैद में बीत रहे दिन, पल-पल प्रलय सा लगे,
कब तक चलेगा ये मौत का...
जड़ें उग आती हैं- भावना सक्सेना
आदमी की
जड़ें उग आती हैं घरों में...
उसे नहीं चाहिए
जानकारी देश दुनिया की
उसकी बादशाहत से बाहर
ताज़-ओ-तख़्त
सभी बेमानी हैं!
वह हरदम सोचता है
दीवारों पर चढ़ रही सीलन...
पुस्तकों की पीड़ा- जसवीर त्यागी
शीशे की अलमारी में बन्द पुस्तकें उदास हैं
वे खामोशी से देखती हैं
कि उन्हीं की आँखों के सामने
कोई हड़प रहा है उनका हक़
धीरे-धीरे उन्हें
उपेक्षित और...
शूल सी दुर्भावनाएँ- शशि पुरवार
कागजों पर ही सिमटकर
शेष हैं संभावनाएँ
क्या करें शिकवा जहाँ से
मर गयीं संवेदनाएँ
घात करते, लोग सारे
खून में डूबे हुए हैं
व्यर्थ के संवाद करते
आज मनसूबे हुए हैं
रक्तरंजित हो...
शहीद- रूपा रानी
छप्पन इंच का सीना ताने, तैनात था जवान ह्रदय
अपने नापाक इरादे को, अंजाम दे गया आतंकी निर्दय
बहादुर सीना फटकर टूटा, मातृभूमि के आँचल में
वह...
अतीत के पन्नों से- डॉ उमेश कुमार राठी
जब भी आयी याद तुम्हारी
हम तस्वीर निहार लिये
सूनी सेज बिछी रहने दी
एकल रैन गुज़ार लिये
सुधियों की चौखट पर बाँधी
हमने वंदनवार अभी
खुशियों के इस वृंदावन...
आपदाओं के कहर में- रकमिश सुल्तानपुरी
पा रहे हैं योजनाओं का सही अधिकार कितने
आज बदहाली से लड़ने को यहाँ तैयार कितने
जो ढ़िढोरा पीटते थे देशहित का फ़क्र से वो,
मुँह छिपाते...
हिन्दी सिर्फ भाषा नहीं- अनामिका वैश्य
हिन्दी सिर्फ़ एक भाषा नहीं भावना है ये
भाव-विचार के सम्प्रेषण की आत्मा है ये
शुद्धता है इसमें माँ नदी गंगा के जल सी
शब्द-शब्द में विशुद्धियों...
मौन की अभिव्यक्ति- मनीष कुमार यादव
एक रिश्ता है,
तुम्हारे सर्द लहजे
और मेरी सुर्ख आंखों के
बीच
एक पति है,
जिसके उठते हर तमाचे में
मैंने अपनी ही गलती खोज
ली,
उसने जब चाहा निचोड़ा
मेरा बदन
और मेरे...
ढूंढते रह जाओगे- संजय अश्क़
जिसका कोई बोलने वाला नहीं
उसकी कोई सुनने वाला नहीं
झूठ फरेब के इस दौर मे यारों
ये सच ज्यादा चलने वाला नहीं
हर जगह है पैसों में...
खुद को बदल डालो, दुनिया बदलती दिखेगी- सुनील माहेश्वरी
दोस्तों, प्रेरणा आपको कार्य को शुरू करने में सहायक होती है, जब कि आदतें आपके कार्य को।करते रहने में सहायक होती हैं। रोज तारीख...
चम्पा- वीरेन्द्र तोमर
रुप, रंग और ख्याति तेरी,
चम्पा तेरी बहुत निराली,
सुगंधी की है तू खान
आतुर तेरे सब सुगंध के ,
हर जगह पर चर्चे तेरे,
गुण तेरा जग करे...