Thursday, October 24, 2024

Yearly Archives: 2020

दिल भी वही- सीमा विजयवर्गीय

सुर-ताल-सरगम है वही, फ़नकार पर बदले हुए चेहरा वही, दर्पण वही, व्यवहार पर बदले हुए पूरे के पूरे गाँव में जलती थी होली एक ही ख़ुशियाँ अभी...

दोषी कौन- भावना सक्सैना

थक गई हैं उँगलियाँ मोबाइल से डिलीट करते ज़हर भरी तस्वीरें आग, कत्ल और वहशियत की तदबीरें। दिन गुज़रते-गुज़रते तस्वीरें खौफ की बढ़ती ही जाती हैं हर नई तस्वीर पहली से भयावह नज़र...

देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है रंगोत्सव, प्रधानमंत्री ने दी देशवासियों को होली की शुभकामनाएं

होलिका दहन के साथ ही देशभर में रंगों का त्यौहार उमंग, उत्साह और धूमधाम से मनाया जा रहा है। भोर के साथ ही देश...

मलय पवन मदमाती- श्रीधर द्विवेदी

श्री जयदेव कृत गीत गोविंद का वसन्त वर्णन- 'ललित लवंग लता परिशीलन' हिन्दी काव्यन्तरण का प्रयास *** शुभग लवंग लता आलिंगय, मलय पवन मदमाती मधुप समूह गूँज कुंजन में, कोकिल मधुरिम...

प्यार के रंग से- राजीव कुमार

कितने प्यार के रंग से तुमने भिगोया आज आँचल किस बाग में सुबह महकती टहनियों में आम की मंजरियां घर के पास से गुजरता रास्ता खूब धूप में सुरभित जहां...

होली आई रे- राम सेवक वर्मा

आई रे आई रे, होली आई रे। सबके मन को मस्त करे जो, दिल में प्रीति बसाई ये।। ग्वाल बाल सब मिलकर मन से, टोली एक बनाए हैं। खूब...

सोचता हूँ- सुधेश

सोचता हूँ आज यह करूं वह करूं लेकिन करने को इतना है सोचता रहा पहले क्या करूं सोचते सोचते नींद ने घेरा फिर ख्वाब में कोई बोला आज दिन भर...

परिवर्तन- रजनी शाह

हम चल रहे कहाँ है हम तो केवल हिल रहे है अगर सही में चले होते तो कहीं पहुँचते कुछ खास करते कुछ परिवर्तन लाते हम तो केवल और केवल हिल...

मेरे हर इक आंसू- जयलाल कलेत

मेरी सिसकती आवाज का, मैं ही गुनहगार हूँ, मेरे हर इक आंसू का भी, मैं ही गुनहगार हूँ अपनी हवेली पर खुद ही, हमले किए हमने, अपनी बरबादी का, मैं ही...

माँ और मैं- रश्मि अग्रवाल

1 माँ और मैं माँ! एक सूत्र के द्वारा तुमसे, जब जुड़ी मैं तुम्हारी कोख में तब तुम बाहर से सहलातीं, बतियातीं मैं अन्दर से सब समझ लेती, सुन लेती कुछ...

ओ रंगों के त्यौहार- जया वैष्णव

ओ रंगों के त्यौहार मेरे मन को रंगों से भर दो ओ रंगों के त्यौहार खालीपन को तुम रंग बिरंगे फूलों से भर दो ओ फागुन के त्यौहार लाल पीला...

यादों के रंग- डाॅ रंजना शरण सिन्हा

तुम्हारी याद- चमकीले धागों से सजी एक सुहानी सबह की लाल-गुलाबी झील; मूंगे के रंग में ख़ुद को डुबो देना चाहती हूँ! तुम्हारी याद- एक शांत स्याह रात का धुंधला नीला ताल; ठहरे...

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