Yearly Archives: 2020
चाय- अलका प्रमोद
हमारे तुम्हारे बीच रखी यह चाय
बस चाय नही है
चाय से उठती भाप
छिपा लेती हैं
शिकायत हमारी तुम्हारी
चाय की गर्मी
पिघला देती है
जमी बर्फ रिश्तों पर सारी
क्योंकि
हमारे...
मेरा बचपन- अनिता कुमारी
ऐ मेरे बचपन, क्यूं चला गया तू,
मुझे यूं बिलखता छोड़।
तुझसे ही तो बंधी थी, मेरी माँ के
आंचल की डोर।
छिपकर जिसमें पीती मैं अमृत,
खेलती...
शाम के साये में- राजीव कुमार झा
शाम के साये में
तुम सिमट जाओगी
सुबह का पुलकित मन
अब किसके तन का सुवास है
कमर भर पानी की हिलोरों में
डूबती उतराती तट के पार
घर चली...
मधुमास- आनंद सिंह चौहान
सुमधुर है मधुमास, पल्लवित है बगियाँ
आया है फूलों का मौसम हर्षित हैं सखियां
हिलोरें लेने लगा है कवियों की कल्पना का सागर
अल्हड़ चलने लगी है...
कौन मिलता है यहाँ- शुचि भवि
ये सफ़र ज़ीस्त का आसान बनाने वाला
कौन मिलता है यहाँ रिश्ते निभाने वाला
है सदाकत की डगर का वो अगर राही तो
हो नहीं सकता कोई...
इश्क नहीं करना था- रचना शास्त्री
सुनो!
तुम्हें पता है
जब मैंने तुम्हें देखना चाहा
तो तुम फूलों में खिल गये
जब चाहा कि महसूस करूँ
तो घुल गये साँसों में खुशबू बन
जब चाहा कि...
तुम जिंदा रहना- हेमचंद्र सकलानी
कलम
जीवन भर तुमने
हर सुख दुख में मेरा
साथ निभाया है
मैं रोया तुमने
कागज पर
आँसू छलकाए हैं
मैं जब जब मुस्कराया
तुमने कागज पर
ढेरों रंग बिखराये हैं।
अक्सर सोचा करता...
उसकी खुश्बू से- मनोज कुमार
वो मोहब्बत को रोती रही रात भर
मेरा इश्क़ लम्हो से गुजर गया
उठनी थी मेरी डोली आख़िरी
सारा रास्ता वो फूलों से भर गया
मैं पनाह के...
ग़म की खरीदारी- रकमिश सुल्तानपुरी
अभी रौनक़ है अभी खुशबू है अभी तो खुमारी है
मग़र मालूम है ऐ दोस्त! ये ग़म की खरीदारी है
बन्दिशों में कब रुका नासूर बन...
मंजुल नदी है नेह विन्यासी- डॉ उमेश कुमार राठी
करे कलकल बहे अविरल धरा पर डोलती प्यासी
उठें बुलबुल लगें मंजुल नदी है नेह विन्यासी
अतुल जल अंक में लेकर फिरे समतल कभी दलदल
अभी तक...
आईआरसीटीसी ने किया आगाह, इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है धोखाधड़ी
आईआरसीटीसी ने अपने यूज़र्स से कहा है कि वे अपने निजी विवरण जैसे मोबाइल नंबर आदि सोशल मीडिया के ओपन प्लेटफॉर्म पर साझा न...
तितली- वाज़दा खान
नाजुक पंखों में जमारंग और बेचैनियांलिये तितलीउड़ जाती है आकाश में
आकाश की नमीऔर नीलेपन से, हिस्साबंटाने कोमिला देती है अपने पंखोंके तमाम रंगों में...