Tuesday, October 22, 2024

Yearly Archives: 2020

सड़क सुरक्षा पर आयोजित वैश्विक सम्‍मेलन में हिस्सा लेने स्टॉकहोम पहुंचे नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी स्टॉकहोम में सड़क सुरक्षा पर तीसरे उच्च स्तरीय वैश्विक सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे। ये सम्‍मेलन...

तीन वर्षों के लिए भारत बना प्रवासी प्रजातियों की संयुक्‍त राष्‍ट्र संस्‍था का अध्‍यक्ष

प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्‍त राष्‍ट्र समझौता के पक्षकारों का 13वां सम्‍मेलन गांधी नगर में 130 देशों के पर्यावरण विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं तथा जैव विविधता क्षेत्र...

तुम मुरली मधुर बजाओ- स्नेहलता नीर

स्नेहलता नीर बलवती कामना अंतर की, बंशीधर मैं तुमको पाऊँतुम मुरली मधुर बजाओ जब, तब स्वर लहरी मैं बन जाऊँ मैं राह निहार रही कबसे, अँखियाँ...

मन बंजारा व्याकुल डोले- डॉ उमेश कुमार राठी

ओझल सपनों का बोझ लिये मन बंजारा व्याकुल डोले बौर नहीं आया अमवा पर इत उत आतुर कोयल डोले वंदनवार सजायी हमने ऋतुराज खिलाया पुष्प यहाँ आभ बढ़ायी इंद्रधनुष ने अरुण...

रहबरों सुन लो- रकमिश सुल्तानपुरी

फँसे हैं राजनेता तक, मिली सरकार है शायद कि जिसने देश को लूटा वही गद्दार है शायद सुनो पिछलग्गुओं इक दिन हलाले तुम भी जाओगे सुना है...

जंगल जाग रहा है- राजीव कुमार झा

पानी से भरी नदी में यह धार विहँसती कोई गीत जो आज गूँजता वह खूब पुराना गाना बचपन की उन यादों को लेकर फिर उसी गली में चले गये...

म्यांमार के दौरे पर जाएंगे नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह

नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह 17 से 20 फरवरी तक म्यांमार की यात्रा पर जा रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और म्यांमार...

खोल रखे हैं दिल के पन्ने- डॉ उमेश कुमार राठी

खोल रखे हैं दिल के पन्ने जिन पर प्रेम पयाम लिखा देख रहा हूँ मनहर सपने जब से हाल तमाम लिखा भाव उड़ान भरे तेजी से मृदु अहसास दिया...

सघन दुख के मरुस्थल में- रकमिश सुल्तानपुरी

सघन दुख के मरुस्थल में रचा सुखधाम देता है दुखी उर को सृजन से वह बड़ा आराम देता है स्वयं के भाव, रस अनुभूतियों को शब्द...

इश्क़ है ऐसा कि- मनोज कुमार

इश्क़ है ऐसा कि सब तलत अपने शब के नाम कर दूँ, नाम मेरा वो लबों पर रखें, कुछ तो ऐसा काम कर दूँ, वो देखें हमें भरी...

यादों के घने जंगल में- राजीव कुमार झा

यादों के घने जंगल में थोड़ी देर पहले बारिश थमी किस दिशा में इन्द्रधनुष उग आया मन की नदी किस मिठास से भरी नाव को हिलोरों में लेकर तट...

वादा साथ निभाने का- कुन्दन बहरदार

आओ करें हम इक वादा साथ निभाने का, सारे-गिले शिकवे को आज़ से भुलाने का नफ़रत के सारे फूल तोड़, प्रेम का पुष्प खिलाने का रिस्ते बने हैं...

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