Sunday, October 20, 2024

Monthly Archives: January, 2021

मासिक धर्म: प्रियंका महंत

प्रियंका महंतरायगढ़, खोखरा,छत्तीसगढ़ ना ही मैं कोई बिमारी हूँ,हाँ मैं ही माहवारी हूं। मासिक धर्म, रजोधर्म या रक्तस्राव कह लो मुझे,सात दिनों का महीना मैं ही...

रेल मजदूर संघ-महाप्रबंधक पीएनएम में सुलझाई गई रेलकर्मियो की अनेक समस्याएं

दो दिवसीय वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ एवं महाप्रबंधक पीएनएम में रेल कर्मियो की दर्जनों समस्याएँ सुलझाई गई। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के...

देश के पास सपनों और संकल्पों को तेज गति से सिद्ध करने का स्वर्णिम अवसर: पीएम मोदी

बजट सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत करते हुये कहा कि इस दशक का आज यह पहला सत्र...

लौटी शेयर बाजार की रौनक, सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी

घरेलू शेयर बाजार में पिछले दो दिनों से जारी गिरावट पर विराम लग गया है। आज वित्त मंत्री द्वारा संसद में इकॉनामी सर्वे प्रस्तुत...

वो बेचारी ही है साहब: अभिषेक कुमार अग्रहरि

मानव जीवन में परिवर्तन ही परिवर्तन है, इसमें कोई संदेह नही है। जैसे-जैसे दुनिया परिवर्तित हो रही है, वैसे-वैसे मानव जीवन की सोच के...

प्रेम: अंकिता वासन

अंकिता वासन प्रेम कहने मात्र को तो छोटा सा शब्द है, परंतु इसकी व्याख्या करनी बहुत कठिन है। खैर यदि अब प्रेम की बात हो...

दो रुपये प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ी पेट्रोल और डीजल की कीमतें

अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रहने के बाद भी घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार वृद्धि...

फ्रांस से भारत पहुंचे तीन और राफेल लड़ाकू विमान

फ्रांस से 3 और राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंच गए हैं। इन लड़ाकू विमानों के भारत पहुंचने पर भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर इसकी...

मेरी प्यारी बहना: पूजा

मेरी प्यारी बहना,तू हमेशा खुश रहना।सदैव अपने जीवन में,सफलता की ऊंचाइयाँ छूते रहना।। मुसीबतों से कभी ना डरना तू,निडर होकर सामना करना बहना।सिर्फ मेरी बहना...

ये दुनिया: यशराज गौतम

ये दुनिया बड़ी ज़ालिम है!यहां ना कोई अपना होता ना होने देतायहां रंगों का मेल हैमिलावट का खेल हैआखों में आसूं जैसे लहरें भी...

मोबाइल नंबर: जसवीर त्यागी

मेरे मोबाइल मेंएक दोस्त का नम्बर हैदोस्त अब नहीं है संसार मेंउसका नम्बर अभी भी सेव हैमेरे मोबाइल में दोस्त के जाने के बादउस नम्बर...

आँखों  की  कस्तियों में: रकमिश सुल्तानपुरी

वो  तोड़कर दिल किधर  गए हैं।जो  मेरी  चाहत  से डर  गए  हैं। हमारी  आँखों  की  कस्तियों में,तमाम   चेहरे   उतर    गए   हैं। मैं    पूछता   हूँ ...

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