जबलपुर के जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आने वाले त्यौहारों के दौरान जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन को रोकने के उद्देश्य से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और यह आगामी दो माह तक प्रभावी रहेगा।
प्रतिबंधात्मक आदेश के मुताबिक प्रशासनिक अधिकारियों से अनुमति प्राप्त बिना किसी भी प्रकार के आयोजन नहीं किये जा सकेंगे। अनुमति प्राप्त किये बगैर होने वाले आयोजनों को अवैध घोषित किया जायेगा तथा आयोजकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। आदेश में जिले में दो पहिया वाहन रैली को भी पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक अनुमति प्राप्त आयोजनों में भी ऐसे नारे अथवा शब्दों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा, जिनसे किसी भी धर्म अथवा वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती हो। ऐसा पाये जाने की दशा में संबंधित त्रुटिकर्ता के साथ-साथ कार्यक्रम के आयोजकों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा और उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी। आदेश में व्यक्तियों, संस्थाओं अथवा पशु मालिकों से कहा गया है कि वे अपने पशुओं को खुले तौर पर सडकों पर न छोड़ें और न ही सड़कों पर आने दें।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में घरेलू नौकरों एवं व्यावसायिक नौकरों को रखने के पहले इसकी सूचना संबंधित थाने पर विहित प्रारूप में देना अनिवार्य किया गया है। होटल, लॉज, धर्मशाला में रूकने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र अनिवार्य रूप से लेने तथा विहित प्रारूप में इनकी सूची प्रतिदिन संबंधित थाने को देने के निर्देश होटल, लॉज, धर्मशाला संचालकों को दिये गये हैं।
आदेश के मुताबिक पेइंग गेस्ट की सूचना संबंधित मकान मालिक द्वारा विहित प्रारूप में सबंधित थाने को देनी होगी। इसके बाद ही पेईंग गेस्ट को रखा जा सकेगा। यदि किसी व्यक्ति द्वारा मकान में किरायेदार रखा जाता है तो उसे इसकी सूचना संबंधित थाने को लिखित रूप से प्रदान किया जाना अनिवार्य होगा।
आदेश में जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा में व्हाट्सअप, एक्स, फेसबुक एवं सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक अथवा उद्वेलित करने वाले फोटो, वीडियो, चित्र अथवा मैसेज करने या साम्प्रदायिक मैसेज करने अथवा उन्हें फारवर्ड करने, लाईक करने, कमेंट करने की गतिविधियों को भी प्रतिबंधित किया गया है। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को सोशल मीडिया के ग्रुपों पर विशेष निगाह रखने के निर्देश भी प्रतिबंधात्मक आदेश में दिये गये हैं।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में चेतावनी दी गई है कि इसका उल्लंघन पाये जाने की स्थिति में सबंधित व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 तथा अन्य समस्त प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।