Wednesday, December 18, 2024
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जीवन रक्षक दवा की आड़ में बन रही थी कोकीन, 5 हजार करोड़ के अंकलेश्वर ड्रग्स केस में 3 निदेशकों सहित 5 गिरफ्तार

अंकलेश्वर (हि.स.)। यहां औद्योगिक क्षेत्र अंकलेश्वर के आवकार ड्रग्स नामक कंपनी से 5 हजार करोड़ रुपये कीमत की कोकीन जब्ती मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने रविवार देर रात कंपनी के 3 निदेशकों समेत कुल 5 लोगों को पकड़ा है। इन सभी को सोमवार सुबह कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया है। पकड़े गए कंपनी के निदेशकों में अश्विनी रामाणी, ब्रिजेश कोठिया, विजय भेसाणिया तथा दो केमिस्ट्स हैं। कोर्ट में पेशी के बाद आरोपितों को दिल्ली ले जाया जाएगा।

दिल्ली में पकड़े गए ड्रग्स मामले की जांच गुजरात के भरुच जिले के अंकलेश्वर तक पहुंच गई है। अंकलेश्वर की आवकार फार्म कंपनी से ड्रग्स की सामग्री भेजे जाने की जानकारी सामने आई थी। इसके आधार पर गुजरात और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर जीवन रक्षक दवाएं बनाने की आड़ में कोकीन बनाने की फैक्टरी को पकड़ा। यहां से 5 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद हुई है। इस मामले में अंकलेश्वर में किसी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। दिल्ली में जो प्राथमिकी दर्ज है, उसी अपराध में अंकलेश्वर से 5 आरोपित पकड़े गए हैं। अंकलेश्वर कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद इन आरोपितों को दिल्ली ले जाया जाएगा।

इसके पहले भी अंकलेश्वर से ड्रग्स बनाने की फैक्टरी कई बार पकड़ी जा चुकी है। इससे पूर्व 1 अक्टूबर, 2024 को दिल्ली की स्पेशल सेल ने महिपालपुर में तुषार गोयल नामक व्यक्ति के वेयर हाउस पर छापेमारी कर 562 किलो कोकीन और 40 किलो हाइइड्रोपोनिक गांजा समेत बड़ा पार्सल जब्त किया था। इसके बाद 10 अक्टूबर, 2024 को जांच के दौरान इसी केस में रमेश नगर की एक दुकान से 208 किलो कोकीन पकड़ी गई थी। दिल्ली केस में जांच के दौरान पता चला है कि ये सभी मादक पदार्थ फार्मा सॉल्युशन सर्विस नामक कंपनी का है, जो कि गुजरात के अंकलेश्वर जीआईडीसी क्षेत्र की आवकार ड्रग्स लिमिटेड फैक्टरी से आया है।

जांच एजेंसी के अनुसार इस समग्र केस में अब तक 1289 किलो कोकीन और 40 किलो थाई गांजा मिला है। इसकी कुल कीमत 13 हजार करोड़ रुपये आंकी गई है। एजेंसियों के मुताबिक यह सारा मादक पदार्थ इस साल की दिवाली और नए साल 2025 के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, पंजाब और महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों में सप्लाई किया जाना था। जांच में यह भी पता चला कि जीवन रक्षक दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियां जॉब वर्क लेकर ड्रग्स का उत्पादन करती हैं।

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