सरकार के आदेश की अवहेलना कर बिजली कंपनियों के अधिकारी, लाइनमैनों का हक छीन रहे हैं और उन्हें 35 वर्षीय चतुर्थ उच्च वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि संघ पदाधिकारियों की बैठक में अनेक लाइन कर्मियों ने शिकायत करते हुए बताया कि सरकार और ऊर्जा विभाग के आदेश के बावजूद लाइनमैनों को 35 वर्षीय चतुर्थ उच्च वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 31 जुलाई 2024 को मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी प्रबंधन के द्वारा 35 वर्षीय उच्च वेतनमान प्रदान किए जाने के आदेश जारी किए गए थे। चार माह बीत जाने के बाद भी लाइन कर्मचारियों को छोड़कर उच्च अधिकारी, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, एलडीसी, यूडीसी, बाबू, प्रोग्रामर आदि सभी के 35 वर्षीय उच्च वेतनमान के आदेश जारी कर वेतन में जोड़ दिए गए हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि जो लाइनमैन ठंड, गर्मी एवं बरसात में 24 घंटे उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि का ध्यान रखते हुए कार्य कर रहा है, विद्युत तंत्र की रीड की हड्डी है, उसे ही उसके हक से वंचित किया जा रहा है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि लाइनमैन विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का पालन कर बिजली कंपनियों को शिखर में पहुंचाने के लिए अपना भरपूर योगदान दे रहा है, किंतु बिजली कंपनियों के प्रबंधन को लाइन कर्मचारियों की बिल्कुल भी चिंता नहीं है और सरकार के आदेश के बावजूद लाइन कर्मियों को उनका हक भी नहीं दिया जा रहा है।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, शशि उपाध्याय, दशरथ शर्मा, लाखन सिंह राजपूत, पीएन मिश्रा, अमीन अंसारी, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपांकर, राहुल दुबे, विनोद दास, अंकित साहू आदि ने सभी कंपनी कंपनियों के प्रबंधन से मांग की है कि अतिशीघ्र लाइन कर्मचारियों को 35 वर्षीय उच्च वेतनमान दिए जाने के आदेश जारी किए जाएं।