बिजली कंपनियों के मुख्यालय जबलपुर के प्रवास पर आए मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई से मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर बिजली कर्मियों की समस्याओं और मैनपावर की कमी जैसे मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि शक्तिभवन स्थित मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी के कार्यालय में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई से मिलकर पूर्व में दिए गए आठ पत्रों पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें सभी बिजली कंपनियों में लाइनमैनों की अत्यधिक कमी, ट्रांसमिशन एवं विद्युत वितरण कंपनियों के सब-स्टेशनों में परीक्षण सहायकों की कमी, 15 नवंबर 2000 के पश्चात एवं 10 अप्रैल 2012 के पूर्व सामान्य मृत्यु वाले प्रकरणों में सभी अनुकंपा को बिना शर्त नियुक्ति, संविदा कर्मियों को जोखिम भत्ता, नियमित कर्मचारियाें को 30 वर्षों से प्रमोशन नहीं दिया गया है, कर्मियों को प्रमोशन के साथ पदनाम दिए जाने, नियमित कर्मचारियाें को जोखिम भत्ते का भुगतान बढ़ी हुई दर से करने, एक कंपनी से दूसरी कंपनी में गृहनगर स्थानांतरण नीति लागू किए जाने, संविदा नीति 2023 में संशोधन किए जाने पर चर्चा हुई।
इसके अलावा सभी बिजली कंपनियों में लगभग 50000 आउटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन कर नियमितीकरण करने एवं ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने, नियमित कर्मचारियों को फ्रेंच बेनिफिट दिये जाने, तकनीकी कर्मचारियों के सुरक्षा उपकरण का आधुनिकरण करने, तकनीकी कर्मचारियों को जागरूक करने हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने, जोखिम पूर्ण कार्य करते हुए दिव्यांग हुए कर्मचारियों के लिए एकरूप नीति बनाने आदि पर चर्चा की गई।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई ने भी ये माना है कि बिजली कंपनियों में मैनपावर की कमी है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि सभी मांगों एवं समस्याओं के समाधान के लिए कार्यवाही की जाएगी। इस दौरान संघ केएन लोखंडे, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अरुण मालवीय, अनूप सिंह आदि उपस्थित थे।