नई दिल्ली (हि.स.)। 21 दिसंबर से शुरू होने वाली विजय हजारे ट्रॉफी को लेकर दो चौकाने वाली बात सामने आई है। एक और केरल ने संजू सैमसन को टीम से बाहर रखा है। वहीं कर्नाटक ने सीधे तौर पर मनीष पांडे से किनारा कर लिया है।
संजू सैमसन को केरल की टीम से बाहर रखने के पीछे केरल क्रिकेट संघ (केसीए) ने कैंप में शामिल खिलाड़ियों में से ही टीम चुनने को वजह बताया है। जिसके बाद सैमसन ने अपना नाम वापस ले लिया। सैमसन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी (SMAT) 2024-25 में केरल का नेतृत्व किया था, जहां वह अपने छह मैचों में से चार जीतकर नॉकआउट के लिए क्वालिफ़ाई करने से चूक गए थे। इस दौरान सैमसन ने पांच मैच में 135 रन बनाए थे। हालांकि सैमसन का नाम 30 सदस्यीय संभावित सूची में था, लेकिन उनको अब 19 सदस्यीय टीम में नहीं चुना गया।
दूसरी ओर, कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) ने साफ तौर पर कहा है कि मनीष पांडे का टीम से बाहर होना उनके प्रदर्शन के आधार पर लिया गया फैसला है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मनीष पांडे ने पांच पारियों में सिर्फ 117 रन बनाए थे। एसोसिएशन ने यहां तक कहा है कि अब भविष्य में भी टीम में चयन के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा।
इस तरह मनीष पांडे के लिए रणजी क्रिकेट में यह उनके शानदार करियर के अंत का प्रतीक है, जिसमें वह कई सफे़द गेंद चैंपियनशिप जीतने के अलावा, दो रणजी ट्रॉफ़ी विजेता टीमों (2013-14 और 2014-15) का हिस्सा थे। दिलचस्प बात यह है कि कर्नाटक ने उनके नेतृत्व में 2018-19 और 2019-20 में लगातार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया था।
मनीष पांडे के नाम 118 प्रथम श्रेणी मैचों में 50.78 की औसत से 25 शतकों के साथ 7973 रन हैं। कुल मिलाकर, सफे़द गेंद के प्रारूपों में उनके नाम कुल 13,000 से अधिक रन हैं।
केरल टीम: सलमान निज़ार (कप्तान), रोहन कुन्नुमल, शॉन रॉजर, मोहम्मद अज़हरुद्दीन (विकेटकीपर), आनंद कृष्णन, कृष्णा प्रसाद, जलज सक्सेना, आदित्य सरवटे, सिजोमॉन जोसेफ़, बासिल थंपी, बासिल एनपी, निधीश एमडी, ईडन एप्पल टॉम, शरफ़ुद्दीन, अखिल सकारिया, विश्वेश्वर सुरेश, वैशाक चंद्रन, अजनस एम (विकेटकीपर)।
कर्नाटक टीम: मयंक अग्रवाल (कप्तान), श्रेयस गोपाल (उप-कप्तान), एस निकिन जोस, केवी अनीश, आर स्मरण, केएल श्रीजीत, अभिनव मनोहर, हार्दिक राज, विशाक विजयकुमार, वासुकी कौशिक, विद्याधर पाटिल, किशन बेदारे, अभिलाष शेट्टी, मनोज भंडागे, प्रवीण दुबे, लवनित सिसौदिया।