Wednesday, January 15, 2025
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महाकुंभ में मकर संक्रांति पर शाम तक 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में किया अमृत स्नान

विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर आज अविरल और निर्मल त्रिवेणी संगम में शाम 5:30 बजे तक कुल 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पहला अमृत स्नान किया। यह आयोजन न केवल आस्था, विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि एकता, समता और सांस्कृतिक विविधता के अद्भुत उदाहरण के रूप में भी है।

संगम के तट पर श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे। इस अवसर पर भारतीयों के साथ-साथ विदेशों से भी श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आए। अमेरिका, फ्रांस, इज़राइल, ईरान, पुर्तगाल समेत कई अन्य देशों के नागरिक भारतीय संस्कृति और आस्था से अभिभूत होकर अपने परिवारों के साथ संगम में स्नान करने पहुंचे।

महाकुंभ 2025 में इस बार एक नई परंपरा भी देखने को मिली। मकर संक्रांति के अवसर पर महाकुम्भ मेला परिसर में पहली बार पूर्वोत्तर भारतीय संस्कृति का एक अभूतपूर्व रूप देखने को मिला। असम के प्रसिद्ध पर्व भोगाली बिहू का आयोजन महाकुम्भ मेला परिसर में किया गया। असम के संतों और श्रद्धालुओं ने इस पर्व को परंपरागत तरीके से मनाया, जिसमें बिहू नृत्य, नाम कीर्तन और चावल से बने व्यंजन वितरित किए गए। यह पर्व पूर्वोत्तर संस्कृति का प्रतीक है और महाकुंभ में इसकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। बिहू नृत्य के दौरान महिला श्रद्धालुओं ने असमिया संस्कृति का अद्भुत रंग महाकुम्भ मेला परिसर में बिखेर दिया।

भोगाली बिहू के अलावा महाकुम्भ मेला क्षेत्र में कई और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। विभिन्न राज्यों के श्रद्धालुओं और कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुत किए, जिससे महाकुम्भ के दौरान भारत की सांस्कृतिक विविधता की झलक मिली।

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