आखिरकार लाखों कर्मचारियों को राहत देते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। आज गुरुवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन पर निर्णय लिया गया। स्वाभाविक है ये निर्णय लोकों सरकारी कर्मचारियों को राहत पहुंचाने वाला है।
मोदी सरकार ने इसे पहले 28 फरवरी 2014 को सातवें वेतन आयोग का गठन किया था और आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतन आयोग लागू किया गया था।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग की स्थापना को मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि 1947 से अब तक सात वेतन आयोग गठित किए जा चुके हैं, जिनमें से आखिरी 2016 में लागू किया गया था। चूंकि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 2026 में समाप्त हो रहा है, इसलिए 2025 में प्रक्रिया शुरू करने से इसके पूरा होने से पहले सिफारिशें प्राप्त करने और उनकी समीक्षा करने के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित होगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन करती है। इसमें देश में महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों के लिहाज से कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और लाभ की समीक्षा की जाती है। इसके बाद महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत दोनों में बदलाव होता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो सकती है। इसी तरह आठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 17,200 रुपये तक पहुंच सकती है।