Saturday, March 15, 2025
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एमपी फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने उप मुख्यमंत्री से की फार्मेसी काउंसिल में स्थाई रजिस्ट्रार की नियुक्ति की मांग

एमपी फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश पदाधिकारियों के द्वारा भोपाल में मप्र शासन के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल से मुलाकात कर प्रदेश के फार्मासिस्ट समुदाय के साथ लगातार हो रही अनियमितताओं के संदर्भ में विधिवत चर्चा की गई।

संगठन के प्रदेश महासचिव अखिलेश त्रिपाठी ने उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल को जानकारी साझा करते हुए बताया कि फार्मेसी की पढ़ाई MBBS के समकक्ष होती है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 एवं रूल्स 1945 के तहत फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन किया गया था। इसीलिए यह पैरामेडिकल स्टॉफ की श्रेणी में नहीं आता है।

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में दो वर्षीय डिप्लोमा एवं चार वर्षीय फार्मेसी की डिग्री के बाद रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होने पर रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट जारी होता है और दवा वितरण सम्बंधित समस्त कार्य फार्मासिस्ट समुदाय द्वारा किया जाता है। परंतु कई वर्षों से फार्मासिस्ट समुदाय को कई अनियमितताओं के चलते परेशान होना पड़ रहा है।

पारदर्शिता ना होने के कारण फार्मेसी काउंसिल मध्यप्रदेश भोपाल में रजिस्ट्रेशन संबंधित कई परेशानियां आ रही हैं। जैसे समय पर रजिस्ट्रेशन न होना, रजिस्ट्रार द्वारा या अन्य स्टॉफ द्वारा कोई स्पष्ट जानकारी साझा न करना,काउंसिल ऑफिस में फार्मासिस्ट लोगों की समस्याओं के निराकरण हेतु हेल्प डेस्क या हेल्प लाइन नंबर का ना होना, जिससे कि भोपाल से अन्यत्र जिलों में रहने वाले हजारों फार्मासिस्टों को स्पष्ट जानकारी मिल सके।

फार्मेसी काउंसिल में परमानेंट रजिस्ट्रार की नियुक्ति न होना। लंबे समय से फार्मेसी काउंसिल भोपाल में काउंसिल अध्यक्ष पद हेतु रुकी हुई चुनाव प्रक्रिया नियमानुसार तय समय में चुनाव के माध्यम से सुचारू रूप से संपन्न ना होना। स्वास्थ विभाग के अंतर्गत आने वाले समस्त दवा वितरण केंद्रों जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों उप स्वास्थ केंद्रों, वैक्सीनेशन फोकल प्वाइंट पर फार्मासिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित ना होना, क्योंकि नियमानुसार दवा वितरण का अधिकार सिर्फ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट को रहता है, किसी भी अन्य विभागों के कर्मचारियों को इसका अधिकार प्राप्त नहीं है।

हाल ही में जारी की गई फार्मासिस्ट वेकैंसी में पदों की संख्या पूर्व में जारी किए गए पदों से कम कर देना। रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट लोगों की बेरोजगारी कम हो सके इसलिए अधिक से अधिक स्वास्थ विभाग में वैकेंसी जारी करना। साथ ही प्रदेश में स्वास्थ विभाग के अंतर्गत लगभग 12000 दवा वितरण केंद्रों पर फार्मासिस्टों की नियुक्ति करना। इन सभी गंभीर विषयों की जानकारी विस्तार से बताई गई। स्वास्थ मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा है कि जल्द ही इन सभी पहलुओं पर चर्चा करके समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। ताकि प्रदेश के फार्मासिस्ट लोगों के परेशान न होना पड़े।

इस अवसर पर संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र त्रिपाठी, प्रदेश आईटी एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी राजवीर त्यागी, शहडोल संभाग के सचिव अनुराग तिवारी, विकास तिवारी, जनपद अध्यक्ष गंगेव, मृगेन्द्र नाथ त्रिपाठी जनपद सदस्य गंगेव, योगेन्द्र दुबे सरपंच दुग्गवां भी उपस्थित रहे।

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