Wednesday, March 19, 2025
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न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का किया समर्थन

Prime Minister of New Zealand (हि.स.)। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से आज के हालात में बहुत बदलाव आया है तथा भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका देश भारत की दावेदारी का समर्थन करता है।

भारत यात्रा पर आए लक्सन ने आज राजधानी में आयोजित रायसीना डॉयलॉग सम्मेलन का प्रधानमंत्री मोदी के साथ संयुक्त रूप से उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत और न्यूजीलैंड को हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से विचार विमर्श के दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के रोड़मैप पर चर्चा की।

रायसीना डायलॉग अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाले चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने वाला भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख सम्मेलन है। इसके 10वें संस्करण का 17 से 19 मार्च के बीच आयोजन किया जा रहा है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और मुख्य भाषण दिया। 2025 संस्करण का विषय ‘कालचक्र – लोग, शांति और ग्रह’ है।

उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श के दौरान हमने सैन्य सहयोग तथा वैज्ञानिक सहयोग बढ़ाने पर भी विचार किया। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत को आगे बढ़ाने का भी तय किया। मेहमान नेता ने हिन्द- प्रशांत क्षेत्र में मुक्त नौवहन और नियम आधारित व्यवस्था बनाये रखने पर जोर दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उद्घाटन सत्र में धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व व्यवस्था एक बड़े मंथन के दौर गुजर रही है। इस कालखंड में नेतृत्व क्षमता की जरूरत है। हमें ऐसी व्यवस्था के लिए काम करना चाहिए जिसमें नए विचारों और नित्य नवीन समाधान की कोशिशें हों। विदेश मंत्री ने हिन्द प्रशांत के बारे में मेहमान नेता के विचारों को बहुत उपयोगी बताया।

10वें रायसीना डायलॉग में मंत्रियों, पूर्व राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों, सैन्य कमांडरों, उद्योग के मुख्य कार्यकारी, प्रौद्योगिकी नेताओं, शिक्षाविदों, पत्रकारों, सामरिक मामलों के विद्वानों, प्रमुख थिंक टैंकों के विशेषज्ञों और युवाओं सहित लगभग 125 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कुल मिलाकर 3500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से डायलॉग से जुड़े हुए हैं।

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