भोपाल (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मध्य प्रदेश में बड़ी कार्रवाई करते हुए भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में हुए 19.48 करोड़ रुपये के गबन के मामले में पूर्व कुलपति सुनील कुमार गुप्ता और अन्य आरोपितोंं की 10.77 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है। ईडी ने सुनील कुमार के अलावा आरजीपीवी के तत्कालीन रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत और पूर्व वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, कुमार मयंक, रामकुमार रघुवंशी और आरजीपीवी से संबद्ध बैंक के पूर्व अधिकारियों और आरजीपीवी घोटाले में शामिल अन्य निजी व्यक्तियों की भी संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने सोमवार देर शाम सोशल मीडिया पर इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि आरजीपीवी के कुलपति सुनील कुमार, रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत, वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, बैंक अधिकारी रामकुमार रघुवंशी और अन्य आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को पीएमएलए, 2002 के तहत कुर्क किया गया है। ये कार्रवाई आरजीपीवी विश्वविद्यालय के धन के गबन के मामले में की गई है।
गौरतलब है कि आरजीपीवी ने छात्रों के पैसे से एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) कराई थी। इन पैसों का दुरुपयोग किया गया था। लगभग 19.48 करोड़ रुपये निजी खातों में ट्रांसफर किए गए थे। इस घोटाले में विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, रिटायर्ड वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा और तत्कालीन कुलपति सुनील कुमार का नाम सामने आया था, जिसके बाद इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
इसके अलावा आरबीएल बैंक के कर्मचारी कुमार मयंक और दलित संघ सोहागपुर पर भी गड़बड़ी के आरोप लगे थे। इस पर धोखाधड़ी का मामला गांधीनगर थाने में दर्ज हुआ था। भ्रष्टाचार के मामले में सुनील कुमार फरार हो गए थे, लेकिन उन्हें पिछले साल 11 अप्रैल को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया गया था।
ईडी ने एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। ईडी की जांच में पता चला है कि आरजीपीवी के अधिकारियों, कुमार मयंक और अन्य व्यक्तियों ने विश्वविद्यालय के 19.48 करोड़ रुपये के फंड की हेराफेरी की है और इसे अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया। इससे पहले ईडी ने पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के दौरान 1.67 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण, म्यूचुअल फंड और बैंक बैलेंस भी फ्रीज किए थे।
जबलपुर के शैलेंद्र पसारी की भी संपत्ति कुर्क
एक अन्य मामले में ईडी भोपाल ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत शैलेंद्र पसारी की 57.96 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति को अनंतिम रूप से कुर्क किया है।
ईडी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में शैलेंद्र पसारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई एसीबी, जबलपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। जांच के दौरान सीबीआई एसीबी जबलपुर ने शैलेंद्र पसारी और उनकी पत्नी ज्योति पसारी के खिलाफ 1.30 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में आरोप पत्र दायर किया।
ईडी की जांच में पता चला है कि शैलेंद्र पसारी ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक खातों में नकदी जमा करके बड़ी मात्रा में चल और अचल संपत्तियां जमा की थीं और अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट बनाकर उनका उपयोग किया था। इससे पहले सीबीआई ने शैलेंद्र पसारी और उनकी पत्नी के घर, दफ्तर और लॉकर से 72.97 लाख रुपये की नकदी बरामद की थी।