जबलपुर। जहां हम सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों में बैठे हैं, वहीं हमारी सरकार हमारे शहर के जंगली क्षेत्र को साफ करने की योजना में लगी हुई है। डुमना, जो कि एक इको-सेंसिटिव जोन है, इसमें आने वाली परियोजनाओं की एक अंतहीन सूची है।
जैसे, 4/5 स्टार होटल, ग्रीन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, रेलवे को कार्यालय के लिए आवंटित भूमि, लोकायुक्त को जमीन, हवाई अड्डे के विस्तार के लिए आवंटित भूमि आदि प्रस्तावित किए जा रहे है और अपने प्रारंभिक कदम उठा रहे हैं, जब स्पष्ट रूप से उन्हें कहीं और बनाया जा सकता है, फिर हर प्रोजेक्ट के लिए डुमना को ही क्यों चुना जा रहा है?
शहर के पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र में आने वाली परियोजनाओं के साथ, वन्य जीव और जबलपुर के लोगों को बढ़ती गर्मी, निम्न वायु गुणवत्ता सूचकांक और निचले भूजल स्तर के खतरे का सामना करना पड़ता है। डुमना को जबलपुर के ‘ऑक्सीजन सिलेंडर’ के रूप में भी जाना जाता है और डुमना में खंदारी जलाशय शहर की आबादी का लगभग 26% हिस्सा प्रदान करता है, जिसकी गणना की जाए तो 3,82,000 लोग को ताजा पेयजल मिलता है।
ये परियोजनाएं इस आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर देंगी और खंडारी बांध को प्रदूषित करेंगी क्योंकि कुछ परियोजनाएं बांध के जलग्रहण क्षेत्र और वाटरशेड क्षेत्र में हैं, अगर विशेष रूप से ग्रीन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बारे में बात की जाए। हम चाहते थे कि अधिकारियों को डुमना में विकास गतिविधियों के बुरे परिणामों के बारे में पता चले। उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने ट्विटर को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया, नागरिकों के लिए 26 जून 2021 को एक ट्वीट स्टॉर्म की व्यवस्था की गई।
भारत के सभी कोने से हजारों लोगों द्वारा अपनी चिंताओं को ट्वीट करने और अधिकारियों को ‘LEAVE DUMNA ALONE’ टैगलाइन के साथ टैग करने के साथ हम 10000 की संख्या में ट्वीट्स के साथ #3 पर ट्रेंड करे थे। हमने पहले भी एक ट्वीट स्टॉर्म किया था (savedumna) और हम 12.2k ट्वीट्स के साथ #12 ट्रेंड किए थे।