पश्चिम मध्य रेल द्वारा मालगाड़ियों के संचालन को गति प्रदान करने के लिए सभी रेलखंडों पर कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं। पमरे की अधिकतम मालगाड़ियों का संचालन बीना-कटनी रेलखण्ड पर है। यह रेलखण्ड प्रति वर्ष 79.32 मिलियन टन का परिवहन करता है।
इस रेल खंड को पश्चिम मध्य रेल ने भारी लोडेड मालगाड़ी के संचालन के लिए सशक्त बनाया है तथा चुनौतीपूर्ण यात्री गाड़ी के लिए भी अधिक गति प्रदान की है। पमरे द्वारा पिछले तीन साल से बीना-कटनी रेलखण्ड पर रेल संचालन को बढ़ावा देने तथा औसतन 4-5 स्टालिंग (यानी गाड़ी का अटक जाना अथवा संचालन न हो पाना) और अनुचित रेल प्रतिस्थापन, यातायात अवरोध न होने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण अंजाम दिया है।
बीना-कटनी रेलखण्ड पर सेक्शन गति को 100 से 110 केएमपीएच तक बढ़ाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप कटनी-दमोह, दमोह-सागर और सागर-मालखेड़ी के दोनों अप एंड डॉउन पर गति बढाने से स्टालिंग न हो।
डीप स्क्रीनिंग प्लेन ट्रैक का कार्य कुल 54.5 किमी जिसमें खुरई-सुमरेरि डाउन ट्रैक, बाघोरा-जरूवाखेड़ा अप ट्रैक एवं पथरिया-दमोह अप ट्रैक में किया गया। डीपस्क्रीनिंग का कार्य कर मालखेड़ी , बघौरा, खुरई, ईसरवारा , सैलाया, करहिया भादौली, मकरोनिया एवं जरूवाखेड़ा के 13 पैसेंजर लूप लाइनों को अपग्रेड किया गया है।
मेनलाइन की प्राथमिक रेल नवीनीकरण व प्रतिस्थापन का कार्य ट्रैक की जाँच के उपरांत गिरवर-गणेशगंज (डाउन एंड अप), पथरिया यार्ड डाउन मेनलाइन, गोलापट्टी-सौगोनि, सैलाया-बखलेटा, मालखेड़ी-बघौरा एवं मालखेड़ी-करोद में कुल 43.5 किलोमीटर किया गया। गति वृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण स्टेशनों पर कुल 10 किमी में रेल तथा स्लीपर का पूर्ण नवीनीकरण व प्रतिस्थापन का कार्य भी किया गया।
इस रेलखण्ड में 16 एलसी गेट को भी बंद किया गया और साथ ही दो महत्वपूर्ण एलसी गेट 13 एवं 64 पर एलएचएस का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। इस रेलखण्ड पर सबसे ज्यादा 42 रेल पुलों को मरम्मत किया गया। जो कि यात्री गाड़ी और मालगाड़ियों की गति वृद्धि और सरंक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ है। कुछ ब्रिजों पर गर्डर एवं स्लीपरों को भी बदला है जो कि गति अवरोध से बचाने में काफी सहायक सिद्घ हुआ है। कुछ महत्वपूर्ण ब्रिजों जैसे सोनार, कोपरा, बेरमी एवं बोझाखो इत्यादि पर सभी प्रकार के सरंक्षा संबंधित कार्य को पूर्ण किया गया।
इस रेलखण्ड पर पमरे ने कुल 42.5 किमी न्यू थर्डलाइन के कमीशन से भी माल गाड़ियों की गति को 75 केएमपीएच के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई है। न्यू थर्डलाइन मुख्यतः सागर-नरियावाली, लिधौराखुर्द-मकरोनिया एवं मालखेड़ी-खुरई के बीच कमीशन किया गया।
गति की उत्तरोत्तर वृद्धि एवं सरंक्षा को मजबूत करने के लिए 6 यार्ड के लेआउट मे भी सुधार का कार्य किया गया। इसमें महत्वपूर्ण यार्ड जैसे सैलाया, मकरोनिया, सुमरेरि, गणेशगंज, लिधौराखुर्द एवं असलाना में सुधारीकरण का कार्य किया गया। साथ ही साथ दो यार्ड मालखेड़ी और बघौरा में लूप लाइन को प्रतिस्थापि करके मेनलाइन की तरह बनाया गया।