देश की आयुध निर्माणियों के कर्मचारियों पर निगमीकरण थोपा जा चुका है। न चाहते हुये भी निगम में डेपोटेशन में रहना अब मजबूरी हो गई है। निगम का आदेश भी पूरी तरह से लागू हो चुका है। आर्डिनन्स फैक्ट्री बोर्ड को भी पूरी तरह से भंग किया जा चुका है।
भारत सरकार निगमीकरण के बारे में फैडरेशनों की कोई बात सुनने को तैयार नहीं है और मजदूरों से हड़ताल करने का हक भी छीन लिया गया है। इन परिस्थितियों में सुरक्षा कर्मचारी महासंघ ने सरकार के समक्ष 24 प्रस्तावित मुद्दे रखे हैं।
साथ ही सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों के जायज हकों को नजरअंदाज न किया जाये एवं इन मुद्दों पर सरकार तुरन्त कार्यवाही कर कर्मचारियों एवं संस्थानों के भविष्य की सुरक्षा की लिखित गारन्टी दे।
सुरक्षा कर्मचारी महासंघ एवं इंटक से संबद्ध ओएफके, व्हीएफजे, जीसीएफ, जीआईएफ, सीओडी, 506 वर्कशॉप, एसक्यूएई एवं एक्यूएडब्ल्यू की यूनियन ने 1 अक्टूबर 2021 को शोक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
यूनियन के जयमूर्ति मिश्रा, अरूण दुबे, आनन्द शर्मा, मनोज तिवारी, अविनाश भटकर, हिमांशु कुमार, अमित चौबे, शैलेष सिंह, सिद्धार्थ ठाकुर, अखिलेश पटेल, आनन्द मिश्रा, राजेश दुबे, एस.के. गुप्ता, संतोष सोनी, दिलीप सहारे, राजकुमार, मुन्नालाल आदि ने कर्मचारियों के हकों एवं सेवा शर्तों पर संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया है।