वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ की पमरे महाप्रबंधक के साथ दो दिवसीय मुख्यालय स्थाई वार्ता तंत्र (पीएनएम) में अध्यक्ष डॉ आरपी भटनागर ने रेल कर्मचारियों की दर्जनों ज्वलंत समस्याओ को महाप्रबंधक एके सिंह, अपर महाप्रबंधक शोभन चौधरी के समक्ष पुरजोर तरीके से रखा, जिस पर रेल प्रशासन ने सकारात्मक कार्यवाही करते हुए निराकरण के निर्देश दिए।
बैठक में ट्रेकमेन्टेनर्स को हल्के वजन के अच्छी क्वालिटी के प्रोटेक्टिव गारमेंट देने, गैंग्स हट में मूलभूत सुविधाए देने, इनटेक्ट कोटे का क्रियान्वयन करने, रोड साइड स्टेशनों पर मोबाइल मेडिकल वैन की सुविधा देने, रेल आवासों की मरम्मत व दीपाली पूर्व पुताई कराने, एचआरएमएस की विसंगतियां दूर करने पर निर्णय लिया गया।
इसके अलावा टीटीई रेस्ट हाउस की दुर्दशा सुधारने, प्रक्रिया टीए व चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावा स्वीकृत करने, सीधे अनुवंछित प्राइवेट चिकित्सालयों में रिफर करने की सुविधा देने, हृदय रोगी मरीजों को नागपुर में रिफर करने, कर्मचारियों को विद्युत लोको की मरम्मत संबंधित पर्याप्त प्रशिक्षण देने, एनपीएस से ओपीएस के लंबित प्रकरणों का निराकरण करने में प्राइवेट लेबरोटरीज को अनुबंधित करने आदि अनेको मुद्दो पर सहमति बनी। लोको पायलटों के लिए प्रयोगिक कॉमन लाइन बॉक्स बंद कर पूर्व की व्यवस्था लाइन बॉक्स बहाली का महत्वूपर्ण निर्णय भी हुआ।
बैठक में पमरे के सभी विभागों के आला अधिकारी व संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सीएम उपाध्याय, अमित भटनागर, महामंत्री अशोक शर्मा, कोषाध्यक्ष अनुज तिवारी, संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार, मंडल उपाध्यक्ष एसएन शुक्ला, सहायक महामंत्री एसके सिन्हा, अब्दुल खालिक, उपाध्यक्ष श्रीमति अंशु भटनागर, श्रीमति सविता त्रिपाठी, अमृत कौर, श्रीमति विजय लक्ष्मी, निशा माल्या, श्रीमति सिया पचौरी, मनोहर शहदादपुरी, बीएल मिश्रा, अफसर हुसैन, आरए सिंह, आलोक त्रिपाठी, कमलेश परिहार, अनिल सैनी, एसके गुप्ता, एमके यादव, तरून बत्रा, अनुरूद्ध सोनी आदि उपस्थित रहे।
पीएनएम में आज 30 सितंबर को संघ के अध्यक्ष डॉ आरपी भटनागर ने महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार सिह के समक्ष पश्चिम मध्य रेल में पेट्रोलमैन की 16 किलोमीटर बजाय 12 किलोमीटर नियमानुसार पेट्रोलिंग करने की पुरजोर तरीके से मांग रखी। जिसको मानते हुये महाप्रबंधक ने तत्काल निर्णय लेते हुये 16 किमी के स्थान पर 12 किमी पेट्रोलिंग कराए जाने के निर्देश दिये, जिससे ट्रेकमेन्टेनर्स साथियों को राहत मिलेगी। साथ ही रेल आवासों की दुर्दशा सुधारने के लिए अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराने पर सहमति बनी।