एनएफआईआर के कार्यकारी अध्यक्ष व वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के अध्यक्ष डॉ आरपी भटनागर ने बताया कि महाप्रबंधक पमरे से हुई पीएनएम में ट्रेक मैन्टेनर्स, पेट्रोलमैन की बीट 16 किलोमीटर से घटाकर 12 किलोमीटर करने, रेल क्लोजर्स को बंद करवाने, सिग्नल स्टॉफ को साप्ताहिक रेस्ट, नाइट फैल्योर गैंग बनवाना, रेल आवासों की दुर्दशा, कर्मचारी एवं परिवार को पर्याप्त मेडीकल फेसिलिटी आदि के संबंध में कर्मचारी हित के निर्णय हुए।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों, निजीकरण, निगमीकरण व मौद्रीकरण के खिलाफ 13 से 18 सितम्बर तक पमरे सहित समूचे भारतीय रेल पर विरोध सप्ताह के दौरान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रोष प्रकट किया किया। रेल मंत्री व वित्त मंत्री से बिना सीलिंग के वास्तविक वेतन के आधार पर 2020-2021 का बोनस शीघ्र घोषित करने की मांग बुलन्द की।
रेलवे में लगातार कार्य का बोझ बढ़ता जा रहा है। नये कार्यों के लिए पदों का क्रिएशन नहीं हो रहा है बल्कि पदों के सरेन्डरीकरण करने की साजिश जारी है। रेल मंत्रालय द्वारा PPP model के आधार पर रेलवे अस्पतालों व रेलवे स्कूल के निजीकरण के प्रस्ताव को बर्दाशत नहीं किया जाएगा, बल्कि उग्र आन्दोलन किया जाएगा।
इसके अलावा Night Duty allowance के बेरियर को जल्द समाप्त कराया जा रहा है। ट्रेकमेन्टेनर्स, रनिंग स्टाफ समेत समस्त कैटगरी के कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का समाधान रेलवे बोर्ड स्तर पर कराया जा रहा है। रेल आवासों की दुर्दशा में सुधार हेतु लगातार दबाव बनाया जा रहा है।
वहीं किसानों के लिए बनाये गये काले कृषि कानून की तरह श्रमिकों के लिये भी काले श्रमिक कानून बनाये जा रहे है। जिसका संघ कड़ा विरोध करता है। पत्रकार वार्ता के दौरान संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सीएम उपाध्याय अमित भटनागर, महामंत्री अशोक शर्मा, संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार, सुशील वर्मा, मंडल उपाध्यक्ष एसएन शुक्ला, मुख्यालय सचिव डीपी अग्रवाल, सहायक महामंत्री एसके. सिन्हा, श्रीमति सविता त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।