वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ से विगत दिनो निलंबित चल रहे भूतपूर्व अध्यक्ष आरपी भटनागर व उनके पुत्र, जिनका रेलवे से कोई नाता नहीं है भूतपूर्व कार्यकारी अध्यक्ष अमित भटनागर के विरोध में रेल कर्मचारियों का जमकर आक्रोश फूटा।
मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने बताया कि निलंबित तानाशाह अध्यक्ष भटनागर पिता-पुत्र व उनके परिवार ने संघ के खाते के पैसे का हवाई यात्रा, महंगे रिजोर्ट व होटलों में टूर, विलासितापूर्ण जीवन शैली आदि में उपयोग किया है, जिसका पमरे के कर्मचारी व संघ के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने विरोध किया, जब वे नहीं माने तो संघ पदाधिकारियो ने वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाकर पिता-पुत्र के निलंबन का प्रस्ताव पारित किया।
उन्होने बताया कि भटनागर एंड संस रेल कर्मचारियों के बीच संघ कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को अपमानित करवाने का घृणित कार्य कर रहे है। इसी के फलस्वरूप सच्चे व निष्ठावान कार्यकर्ताओ ने वंशवादी व तुगलकी विचारधारा के भटनागर पिता-पुत्र के खिलाफ जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 के बाहर से जीएम कार्यालय तक विशाल रैली निकालकर जमकर आकोश जताया।
प्रदर्शन के दौरान उपस्थित 400 से अधिक कार्यकर्ताओं के वंशवाद नहीं चलेगा, रेलवे में निजीकरण नहीं चलेगा, भटनागर एंड संस गो बैक आदि नारों से पूरा जीएम कार्यालय गूंज उठा। जबलपुर के अलावा पमरे के कोटा व भोपाल मंडलों में भी पिता-पुत्र के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किया।
मंडल अध्यक्ष एसएन शुक्ला ने कहा कि 2003 मे हुए सेन्ट्रल रेलवे जोन विभाजन के समय WCRMS के गठन पर WCRMS के हिस्से की राशि भी संघ अध्यक्ष ने गबन किया और तानाशाही अपनाते हुए CRMS व WCRMS दोनों जोनों के यूनियन के अध्यक्ष बन गए। उसके पश्चात पहले सेन्ट्रल रेलवे में फिर पमरे में अपने पुत्र को संघ के विभन्न पदों पर सुशोभित करते रहे।
इसके बाद दोनों जोनों में अपने पुत्र को अपना उत्तराधिकारी और अपने परिवार को संघ में लाने की जिद की। संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सीएम उपाध्याय, महामंत्री अशोक शर्मा, सतीश कुमार, अवधेश तिवारी, दीना यादव, रोशन सिंह, आरए सिंह, हर्ष वर्मा, दीपक केसरी, तरुण बत्रा, धीरू मिश्रा, मंदीप सिंह, अनिल चौबे, एसआर बाउरी, श्यामकला श्रीवास्तव, एके पाठक, संतोष यादव, बिद्रावन यादव, रवि कुमार समेत सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित रहे।