वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ से निष्कासित हुए पूर्व अध्यक्ष आरपी भटनागर व उनके पुत्र भूतपूर्व कार्यकारी अध्यक्ष अमित भटनागर ने मध्य रेलवे के कर्मचारियों को इटारसी बुलाकर बैठक की। जिसमें WCRMS के लगभग सभी कार्यकर्ताओं ने भाग नहीं लिया और पमरे से गिने चुने कर्मचारी ही पहुंचे।
पमरे मज़दूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि संघ विरोधी गतिविधियों, भ्रष्टाचार संगठन के पैसे के दुरूपयोग वंशवादी विचारधारा की वजह से संविधान के प्रावधानों के अनुसार सर्वोच्च बैठक Central Executive Committee, Extra Ordinary General Council Meeting जो सागर में 16 अक्टूबर को आयोजित हुई थी, इसमें भटनागर पिता पुत्र को निष्कासित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इसकीसकी सूचना भटनागर पिता-पुत्र को लिखित रूप में दे दी गई है। पिता-पुत्र सत्ता के लोभ में असंवैधानिक गतिविधियां कर रहे हैं तथा संघ से निष्कासित आरपी भटनागर एवं उनके पुत्र को (जो कि CEC बैठक में भाग लेने के अधिकारी ही नहीं थे) को पमरे मज़दूर संघ की किसी भी बैठक को बुलाने का अधिकार नहीं है। फिर भी उन्होंने इटारसी में असंवैधानिक बैठक बुलाई।
उन्होंने कहा कि भटनागर पिता-पुत्र मुम्बई, सोलापुर, नागपुर, भुसावल, पुणे आदि रेलवे के मंडलों से कर्मचारियों और बाहरी लोगों का जमावड़ा लगाकर फर्जी बैठक कर रहे हैं, जो कि संघ के विधान एवं नियम के विरूद्ध है। कॉ-आप्टेड संघ के अध्यक्ष सीएम उपाध्याय ने कहा कि महामंत्री पर मनगढ़ंत फंड के दुरूपयोग के आरोपों का जवाब संघ द्वारा पुलिस अधीक्षक व थानों में ऑडिटेड व सर्व सहमति से पारित एकाउन्ट स्टेटमेंट दे दिया गया है।
सागर अधिवेशन में सैकड़ों पदाधिकारियों की उपस्थिति में संघ के ऑडिटेड एकाउन्ट की विस्तृत जानकारी कोषाध्यक्ष अनुज तिवारी ने रखी, जिसे सर्व सहमति से पारित किया गया। संघ के मंडल अध्यक्ष एसएन शुक्ला व मंडल सचिव डीपी अग्रवाल ने कहा कि अब मजदूर तानाशाह भटनागर परिवार की गुलामी से आजाद हो गया है। संघ पदाधिकारी व कार्यकर्ता में नई ऊर्जा व उमंग आयी है, जिससे संगठन को मजबूती मिलेगी और अब हम बिना दबाव के रेलकर्मियों की बेहतर सेवा कर सकते हैं।