वेस्ट सेंट्रल रेलवे मज़दूर संघ से निष्कासित भूतपूर्व अध्यक्ष आरपी भटनागर और उनके पुत्र अमित भटनागर ने पमरे महाप्रबंधक को धोखे में रखकर इटारसी में मीटिंग की, जबकि उनके द्वारा जबलपुर में बैठक करने का नोटिस दिया गया था।
संघ द्वारा प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी के संज्ञान में लाया गया था कि आरपी भटनागर को संघ के विधान अनुरूप कार्यवाही कर निलम्बित कर दिया गया है तथा तद्नुसार संघ के विधान की कंडिका 35 (h) के तहत निलम्बित अध्यक्ष के समस्त अधिकार स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि संघ के विधान अनुरूप संघ की सक्षम बैठक में सभासदों द्वारा सर्वसम्मति से आरपी भटनागर निलम्बित अध्यक्ष तथा अमित भटनागर निलम्बित कार्यकारी अध्यक्ष को विधान की कंडिका 15 (b) के तहत 16 अक्टूबर को वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के क्रमशः अध्यक्ष तथा कार्यकारी अध्यक्ष के पद से निष्कासित किया गया था तथा साथ ही साथ उक्त दोनों बाहरी पदाधिकारियों की Honorary Membership को भी सक्षम मीटिंग (CEC) द्वारा निरस्त किया गया तथा संघ की असाधारण सामान्य सभा द्वारा इस निष्कासन को अनुमोदित किया गया।
दोनों निष्कासित सदस्यों को लिखित में उनकी निष्कासन की सूचना दी जा चुकी है। संघ की असंवैधानिक बैठक में निलम्बित होने के उपरान्त भी आरपी भटनागर द्वारा महाप्रबंधक पमरे, जबलपुर को उनके स्वंय (आरपी भटनागर) के हस्ताक्षर से लिखा गया। जिससे स्पष्ट है कि आरपी भटनागर द्वारा तथाकथित CEC मीटिंग 17 एवं 18 अक्टूबर को जबलपुर में बुलाई गई।
आश्यर्च का विषय है कि अध्यक्ष पीएनएम ( महाप्रबंधक को गुमराह करके उक्त फर्जी मीटिंग दिनांक 17 एवं 18 अक्टूबर को भोपाल मंडल के इटारसी स्टेशन पर सेन्ट्रल रेल्वे के CRMS के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ की गई, जिसे तथाकथित मीटिंग के व्हीडियो व फोटोग्राफ्स संघ के पास उपलब्ध हैं। जिनसे स्पष्ट है कि वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे को पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के स्थान पर सेन्ट्रल रेलवे के CRMS के कार्यकर्ताओं के साथ उक्त मीटिंग आयोजित हुई। फर्जी झूठी व वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे के महाप्रबंधक को गुमराह व धोखा देकर मीटिंग की गई।