एनएफआईआर और वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के प्रयासों से भारतीय रेलवे के ट्रेन गार्ड को सम्मानजनक पदनाम मिल गया है। एनएफआईआर के द्वारा रेलवे बोर्ड लेवल पर वर्ष 2011/2013 से लगातार मांग थी की ट्रेन गार्ड को ट्रेन मैनेजर का पदनाम दिया जाए। इस हेतु रेलवे बोर्ड में एनएफआईआर ने आइटम नंबर 05/2018 के अनुसार बोर्ड में 25/26 अप्रैल 2019 को हुई बैठक में यह सहमति बनी कि ट्रेन गार्ड का पदनाम ट्रेन मैनेजर किया जायेगा। खुशी की बात है की बोर्ड अब आदेश निकालने पर राजी हो गया है और शीघ्र ही आदेश जारी किए जाएंगे।
संघ के प्रवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि एनएफआईआर और वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ 2011 से इस मुद्दे पर लगातार संघर्ष कर रहा था। साथ ही एनएफआईआर के डॉ एम राघवैया तथा वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के महासचिव अशोक शर्मा इस मुद्दे पर लगातार प्रयासरत रहे।
सतीश कुमार ने बताया कि ट्रेन गार्ड का पदनाम बदलकर ट्रेन मैनेजर किये जाने की एनएफआईआर और वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ की मांग मानते हुए रेलवे बोर्ड ने ट्रेन गार्ड का पदनाम ट्रेन मैनेजर किये जाने की स्वीकृति दे दी है, इस संबंध में रेलवे बोर्ड जल्द ही आदेश जारी करेगा।
एनएफआईआर और वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ की इस सफलता पर संघ के मंडल अध्यक्ष शुक्ला, मंडल सचिव डीपी अग्रवाल, आरए सिंह, अवधेश तिवारी, एसके सिंह, जेपी मीना, दीना यादव, संदीप श्रोती, धीरू मिश्रा, अनिल चौबे, मंदीप सिंह, तरुण बत्रा, ओपी चौकसे आदि ने सभी ट्रेन मैनेजर्स को बधाई दी है।