मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने 14 दिसंबर ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य लोगों को ऊर्जा के महत्व, बचत एव संरक्षण के संबंध में जागरूक करना है। उन्होंने पावर ट्रांसमिशन कंपनी के समस्त अभियंताओं व कार्मिकों का आह्वान किया कि वे ऊर्जा बचत व मितव्ययिता को जीवन का मूल मंत्र बनाएं। इस अवसर पर ऊर्जा संरक्षण केन्द्रित ब्रोशर व स्टीकरों का विमोचन किया गया। पावर ट्रांसमिशन कंपनी के सभी कार्यालयों में प्रबंध संचालक को ऊर्जा संरक्षण संदेश का वाचन किया गया एवं अभियंताओं व कार्मिकों द्वारा ऊर्जा संरक्षण का संकल्प लिया गया।
प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने कहा कि पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा ऊर्जा संरक्षण के महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं, जिनमें ट्रांसमिशन लॉसेस को 2.62 प्रतिशत तक सीमित करना महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित 2.78 प्रतिशत की तुलना में काफ़ी कम है और यह ऊर्जा संरक्षण की गतिविधियों में एक आयाम है। पावर ट्रांसमिशन कंपनी के सब स्टेशनों में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों में सामान्य इंडीकेटिंग बल्बों के स्थान पर एलईडी बल्बों का उपयोग किया जा रहा है। सब स्टेशनों में रोशनी हेतु यार्ड लाइट, बाउंड्री व कॉलोनियों में सोडियम लैंपों के स्थान पर एलईडी का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न सब स्टेशनों में रूफटॉप सौर पेनल लगाए गए हैं।
ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर परियोजना में दस सब-स्टेशन ऊर्जीकृत
अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली निकासी को सुविधाजनक बनाने हेतु भारत में पारेषण और निकासी अधोसंरचना स्थापित करने के लिए वर्ष 2015 में हरित ऊर्जा गलियारा (ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर) योजना की शुरूआत की गई है। मध्यप्रदेश में ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर योजना के अंतर्गत 400 केवी के तीन सब-स्टेशन सागर, मंदसौर व उज्जैन एवं 220 केवी के सात सब-स्टेशन सेंधवा, सैलाना, गुडगांव, कानवन, जावरा, रतनगढ़ व नलखेड़ा ऊर्जीकृत किए जा चुके हैं।
अक्षय ऊर्जा में मध्यप्रदेश का स्थान अग्रणी
पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक ने कहा कि अक्षय ऊर्जा को सतत् बढ़ावा दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में अक्षय ऊर्जा का प्रतिशत वर्ष 2010-11 में 1.99 प्रतिशत था, जो कि वर्तमान में बढ़ कर 18.51 प्रतिशत हो गया। मध्यप्रदेश की कुल कांट्रेक्टेड ऊर्जा क्षमता 21,422 मेगावाट (31 मार्च 2021 तक) में से 3966 मेगावाट (18.51 प्रतिशत) अक्षय ऊर्जा द्वारा उत्पादित हो रही है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में आगर, शाजापुर व नीमच में कुल 1500 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना हेतु भूमि पूजन किया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गई घोषणा के अनुसार वर्ष 2030 तक मध्यप्रदेश, देश की ऊर्जा की आवश्यकता का 50 प्रतिशत सौर ऊर्जा से आपूर्ति करने के लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।