बिजली अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संगठन यूनाइटेड फोरम ने कहा है कि विदिशा में 16 मार्च को पेट-पूजा होटल में गैर कानूनी रूप से की गई लोकायुक्त कार्यवाही के विरोध में विदिशा वृत्त के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारीयों द्वारा 17 मार्च को विदिशा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था।
ज्ञापन में यह उल्लेख किया गया था की यदि उक्त पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के जज से करवाई जाए क्यूँ की यह मामला एक ऐसी एजेंसी से संबंधित था जिसको प्रदेश से भ्रष्टाचार कम करने के लिये नियुक्त किया गया है, परंतु महाप्रबंधक संपूर्णानंद शुक्ला के ख़िलाफ़ नियम विरुद्ध कार्यवाही की गई, जबकि उनके द्वारा 11 मार्च को ही जोइनिंग ली गयी और बिजली माफिया के विरुद्ध कार्यवाही शुरू कर दी गयी। उनसे भयभीत बासौदा के बिजली माफिया जफर कुरेशी द्वारा षड्यंत्रपूर्वक व गुंडागर्दी कर उनको फंसाया गया।
ऐसा कृत्य बेहद निराशाजनक है और इसको देख कर ऐसा प्रतीत होता है की लोकायुक्त जैसी संस्थाएं माफियाओं की गिरफ्त में आ चुकी है। अतः बिना उच्च स्तरीय जांच किये बिना वास्तविक जड़ तक पहुंचना मुश्किल है। बिजली विभाग विदिशा में पदस्थ सभी अधिकारी कर्मचारी पिछले 6 दिनों से आंदोलन कर रहे है, परंतु शासन प्रशासन द्वारा गंभीरता से नहीं लिया और हमारी बात नहीं सुनी गई।
वहीं 21 मार्च को पुनः सभी कर्मचारियों ने एकत्रित होकर युनाइटेड फोरम के बैनर तले ज्ञापन प्रेषित कर मुख्यमंत्री महोदय से पुनः निवेदन किया था और 23 मार्च से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार आंदोलन करने के लिये बाध्य हो जाएंगे। अतः आजतक कोई कार्यवाही ना होने के कारण हम यूनाइटेड फोरम ने यह निर्णय लिया है कि 23 मार्च से सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अनिश्चितकाल के लिये कार्य बंद कर देंगे और यदि इस दैरान विधुत लाइनों में कोई फॉल्ट या खराबी आयेगी तो हम लोग उसको ठीक नहीं करेंगे और उस फीडर की विधुत सप्लाई अनिश्चितकाल के लिये बंद रहेगी। यदि फिर भी मांगे नहीं मानी गईं तो यूनाइटेड फोरम के बैनर तले पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार आंदोलन किया जाएगा।