जर्जर सरकारी आवासों में रहने को मजबूर जबलपुर के कर्मचारी, मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि शंकर शाह नगर, मेडिकल कालोनी, ब्यौहार बाग, महिला आईटीआई छात्रावास, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग के आवास, वन विभाग, आईटीआई, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, बरगी हिल्स, स्वास्थ्य विभाग के सरकारी कर्मचारियों के रहने के लिए बने आवास पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं।

इस आवासों की छतों से बरसात का पानी टपक रहा है, कुछ सरकारी क्वाटरों के लेंटर क्रेक हो गए है, पानी के लिए लगाई गई सिंटेक्स की टंकियां सड़ चुकी हैं, पानी की लाइनें जाम है, जगह-जगह से लीकेज है, कालोनी में बॉउंड्री वाल नहीं है, मकानों के प्लास्टर उखड़े पड़े है, टॉयलेट,बाथरूमों की छत गिर रही है, टॉयलेट की सीटें टूटी हुई है, बिजली फिटिंग उखड़ी है, बिजली के जले बोर्ड को नहीं बनाया जा रहा है, कर्मचारियों के आवासो में वाहन रखने शेड नहीं है।

इसके अलावा कुछ कालोनियों में मैन गेट नहीं है। यहाँ वर्षों से गेट पर चौकीदार नहीं है। रात में असामाजिक तत्व घूमते रहते हैं। खम्बों में स्ट्रीट लाइट ना होने से अंधेरा रहता है, मकानों में किराये से रहने वाले हजारों कर्मचारियों की मासिक तनखाह से किराया तो काट लिया जाता है, लेकिन मकानों की मरम्मत नहीं करवाई जाती है। कर्मचारियों को भारी परेशानियों के पश्चात भी रहने मजबूर होना पड़ता है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, प्रशांत सोंधिया, रविकांत दहायत, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, संजय गुजराल, विश्वदीप पटेरिया, यूएस करोसिया, देव दोनेरिया, एसके बांदिल, प्रदीप पटेल, मुकेश मरकाम, धीरेन्द्र सिंह, अजय दुबे, योगेंद्र मिश्रा, आशुतोष तिवारी, नरेंद्र सेन, चंदू जाऊलकर, मंसूर बेग ने सभी विभागों के अधिकारियों से सरकारी आवासों की पूर्ण मरम्मत करवाने की मांग की है।