मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि सहशिक्षा शासकीय उमावि गढा की प्राचार्य द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यरत शिक्षक अमले के साथ भेदभाव किया जा रहा है, प्राचार्य द्वारा अपनी शाला के शिक्षक जो प्राचार्य के चहेते हैं, उनके शाला विलंब से आने व न आने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
इसके विपरित ईमानदार शिक्षक जो प्रतिदिन समय पर आते है व अपना शैक्षणिक कार्य पूर्ण निष्ठा से करते यदि वह किसी कारण कुछ विलंब से शाला आते हैं तो उनके विरूद्ध प्राचार्य द्वारा भेदभाव कर कार्यवाही की जाती है। प्राचार्य के इस दोहरे मापदण्ड से शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी अटल उपाध्याय, संजय यादव, आलोक अग्निहोत्री, बृजेश मिश्रा, एसपी वाथरे, वीरेन्द्र चंदेल, मनोज सिंह, मुकेश मिश्रा, गोविन्द विल्थरे, डीडी गुप्ता, रजनीश तिवारी, राकेश राव, सत्येन्द्र ठाकुर, डीके नेमा, आशुतोष शर्मा आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि प्राचार्य की मनमानी पर अंकुश लगाया जावे।