देश की सर्वाेत्तम पारेषण कंपनियों में एमपी ट्रांसको गिनती: एमडी सुनील तिवारी

आजदी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी में आयोजित 76वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुये प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने ट्रांस्को की स्थापना के दो दशक पूरा होने पर हासिल उल्लेखनीय उपलब्धियों का जिक्र करते हुये कहा कि नवाचार अपनाने में मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी आगे रही है संभवतः देश में पहली बार परंपरागत टावरों में नई तकनीक के एचटीएलएस कंडक्टर का सफल उपयोग किया गया है, साथ ही पाइल फाउंडेशन पर टावरों का निर्माण तथा ड्रोन से अतिउच्चदाब लाइनों की पेट्रोलिंग भी प्रारंभ की गई है जिसके सकारात्मक परिणाम आये है। उन्होने कहा कि ग्रीन एनर्जी कारीडोर के कार्य समय से पहले पूरा होना भी एक उपलब्धि है।

उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश देश की ऐसी पहली पावर यूटिलिटी है, जिसने स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर में साइबर अटैक से ट्रांसमिशन सिस्टम को बचाने के सबसे पहले उपाय किये साथ ही पावर सेक्टर में रियल टाइम डाटा मॉनिटरिंग के लिये डाटा अधिग्रहण प्रणाली विकसित की है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली है। उन्होने कहा कि स्काडा सिस्टम का 100 प्रतिशत उपयोग होने से ट्रांसमिशन कंपनी के सब-स्टेशनों और अति उच्चदाब लाइनों की मॉनिटरिंग को विश्वसनीयता मिली है साथ ही इससे सिस्टम बचाने और समय पर सुधार कार्य करने में भी सहायता मिली है।

प्रबंध संचालक ने कहा कि इस वर्ष  म. प्र.ट्रांसको ने अपने सभी निर्माण कार्य समय पर पूरे कर उल्लेखनीय कार्य क्षमता का परिचय दिया है। खासकर ग्रीन एनर्जी कारीडोर प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने वाला मध्यप्रदेश संभवतः देश में दूसरा राज्य है। इसे अद्भुत  और महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए उन्होंने  इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी कार्मिकों को भी बधाई दी जिनके कारण यह संभव हो पाया।

प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने कहा है कि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने कंपनी बनने के बाद अपनी पारेषण हानि में 301 प्रतिशत की कमी लाकर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने के साथ ट्रांसमिशन उपलब्धता 99.29 प्रतिशत कर ली है जो केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्ड 98.% से ज्यादा है। उन्होने कहा कि पहले जो हानि 7.93% थी वह अब कम होकर 2.63% पर आ गई है।