मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाते हुए बताया कि आयुक्त लोक शिक्षण मप्र भोपाल के द्वारा सीएम राईज स्कूलों से संकुल व्यवस्था समाप्त करते हुए प्रशासकीय सुविधा तथा शिक्षकों एवं छात्रों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर के अनुमोदन से शालाओं एवं कार्यरत अमले को सुविधा की दृष्टि से आस-पास संकुलों में मर्ज करने के निर्देश दिये गय थे। किन्तु जिले के संवेदनशील कलेक्टर को अंधकार में रखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा मनमाने ढंग से आयुक्त के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए संकुल को मर्ज किया गया है।
जिसमें शाला से संकुल की दूरी जनशिक्षा केन्द्र के विभक्तिकरण की स्थितियां निर्मित न हों, शिक्षकों एवं छात्रों को संकुल आने-जाने में सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध हो, इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया है। शासकीय प्राथमिक शाला रमनगरा, शासकीय माध्यमिक शाला तिलवाराधाट एवं शासकीय माध्यमिक शाला बरगी हिल्स की दूरी तथा जनशिक्षा केन्द्र के अनुसार रानी दुर्गावती शासकीय क.उ.मा. गढा में शामिल होना था, उसे 10 से 15 किमी दूरी वाले संकुल शासकीय हाईस्कूल रामपुर जबलपुर में शामिल कर दिया गया। जबकि संकुल विभक्तिकरण के पूर्व संकुल प्राचार्यों से प्रस्ताव लिए गए थे, जिनकी अनदेख करते हुए अपने चहेते प्राचार्य को उपकृत करने तथा शिक्षकों को परेशान करने की नियत से यह कार्य किया गया लगता है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, संजय यादव, चंदु जाउलकर, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, गोविन्द विल्थरे, डीडी गुप्ता, बृजेश ठाकुर, राजेश गुर्जर, अमित नामदेव, आशीष सक्सेना, राकेश सुनमोरिया, जगदीश सेन, विवेक भट्ट, सुधीर खेर, तपन मोदी, एआई मंसूरी, इद्रजीत धूरिया, योगेन्द्र तिवारी संतोष दुबे, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, मिलन बरकडे, धन सिंह झारिया, कालीचरण आदि ने जिले के संवेदनशील कलेक्टर से मांग की है कि आयुक्त के निर्देशों के विपरीत संकुलों का गलत निर्धारण करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे तथा जो शालओं को दूरी के मान से सही संकुल में मर्ज किया जावे।