मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि दैनिक वेतन भोगी, स्थाई दल श्रमिक, कार्यभारित स्थापना और अनुकम्पा नियुक्ति से भर्ती हुए कर्मचारियों की अधिक उम्र होने के कारण 33 वर्ष की नौकरी हो ही नही पाती है, इस लिए इन कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल पा रही है। कर्मचारी यह जानना चाहता है की 33 वर्ष की नौकरी के पश्चात ही पेंशन क्यों दी जाना है।

विभागों में की पूर्व के दिनो की नौकरी को सेवा में नहीं जोड़ा जाता है, जबकि विभाग द्वारा इन्हें वेतन देकर कार्य करवाया गया है, कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों का नियमित स्थापना में पदस्थगी होने पर भी पुरानी सेवा को सिनियारटी में नहीं जोड़ा जाता है।

नेताओं के शपथ ग्रहण करते ही पेंशन शुरू हो जाती है लेकिन शासकीय कर्मचारियों को शासकीय सेवा करने के 33 वर्ष की सेवा करने के पश्चात ही पेंशन का लाभ दिया जाता है, जब नेताओं को शपथ ग्रहण  करने के पश्चात ही पेंशन के लाभ दिए जाते हैं। तो कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से ही यह लाभ दिया जाना चाहिए।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, नरेश शुक्ला, विश्वजीत पटेरिया, संतोष मिश्रा, संजय गुजराल, मुकेश मरकाम, देव दोनेरिया, यूएस करोसिया, प्रदीप पटेल, प्रशांत सोंधिया, आशुतोष तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, बृजेश मिश्रा, अर्जुन सोमवंशी, योगेंद्र मिश्रा, सुरेंद्र जैन, दुर्गेश पाण्डे, संदीप नेमा, गोविंद विल्थरे, रवि बांगड़ ने मध्यप्रदेश शासन से मांग की है कि 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले समस्त कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जाए।