सरकार की उदासीनता से एमपी में ब्लैक आउट की संभावना, बिजली कर्मियों के जेल भरो आंदोलन को व्यापक समर्थन

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में 6 जनवरी से होने वाले बिजली कर्मियों के जेल भरो आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है। आंदोलन को कर्मचारी अधिकारी कल्याण संघ, आउट सोर्स संघ, बाह्य आउटसोर्स संघ सहित सहयोगी संगठनों के द्वारा समर्थन देने की घोषणा की गई है। आउटसोर्स तकनीकी कर्मी, आउटसोर्स मीटर रीडर, संविदा अधिकारी व कर्मचारी तथा नियमित कर्मचारियों के हित में तकनीकी कर्मचारी संघ के द्वारा 2 अक्टूबर 2022 से लगातार सरकार तक विभिन्न माध्यमों से अपनी मांगें पहुंचा रहा है, लेकिन सरकार की उदासीनता से जेल भरो आंदोलन तय नजर आ रहा है और इसे साथ ही प्रदेश में ब्लैक आउट का खतरा भी मंडराने लगा है।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उनका संगठन प्रदेश के मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, सभी दलों के सांसद, विधायक और नेताओं एवं बिजली कंपनी प्रबंधन तथा प्रशासनिक अधिकारियों को आंदोलन का प्रथम एवं द्वितीय नोटिस दे चुका है। संघ द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में तीन मांगों को पूरा करने की मांग की गई है। साथ ही संघ ने 5 जनवरी 2023 तक तीनों मांगों को पूरा करने का निवेदन किया गया है, लेकिन अभी तक सरकार और कंपनी प्रबंधन के द्वारा किसी तरह के सकारात्मक संकेत नहीं दिए गए हैं।

जिसे देखते हुए मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स संविदा अधिकारी एवं कर्मचारी तथा नियमित कर्मचारी जेल भरो आंदोलन करेंगे। संघ सभी आउटसोर्स कर्मी, मीटर रीडर, संविदा अधिकारी एवं कर्मचारी तथा नियमित कर्मचारियों से अपील करता है कि 6 जनवरी 2023 से अनिश्चितकालीन जेल भरो आंदोलन में जाने के पूर्व अपने-अपने कार्यालय में अवकाश सहमति पत्र भरकर जमा कर दें, उसके बाद जेल भरो आंदोलन में शामिल हों।

संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अरुण मालवीय, अजय कश्यप, सुरेंद्र मेश्राम, आजाद सकवार, अरुण ठाकुर, राहुल मालवीय, शिवराज राजपूत, मदन पटेल, दशरथ शर्मा, पीएन मिश्रा, विनोद दास, राजेश शरण, पुरुषोत्तम पटेल, जगदीश मेहरा, हेमन्त ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की है कि अपनी मांगों के समर्थन और शोषण के खिलाफ एकजुट होकर आउटसोर्स कर्मियों के लिए मानव संसाधन नीति बनवाएं एवं संविलियन करवाएं। संविदा कर्मचारियों कानियमितीकरण करवाएं, जो कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा 2013 में जारी चुनावी संकल्प पत्र में वादा किया गया था और नियमित कर्मचारियों को फ्रिंज बेनिफिट दिलाने के लिए अपनी एकता एवं बहादुरी के साथ आगे आएं।