मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खजुराहो में आदिवर्त के लोकार्पण समारोह में कलाकारों के लिए अनेक घोषणाएं करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार लोक कला और संस्कृति को निरंतर बढ़ावा देगी। लोक कला की परंपरा को जीवित रखना और आगे भी बढ़ाना मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य है। इस दौरान सीएम चौहान ने प्रदेश के कलाकारों के हित में अनेक घोषणाएँ की।
घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि जो कलाकार आर्थिक रूप से कमजोर है और जिन्होंने मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है, उनको प्रतिमाह मिलने वाली वित्तीय सहायता 800 रुपये को बढ़ा कर 5 हजार रुपये किया जाएगा। कलाकारों के दिवंगत होने पर उनके परिवार को 3500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। कला के प्रदर्शन के लिए बुलाने पर अभी उन्हें प्रतिदिन मिलने वाले 800 रुपये के मानदेय को बढ़ा कर 1500 रुपये किया जाएगा। दैनिक भत्ता भी 250 रुपये से बढ़ा कर 500 रुपये किया जाएगा।
सीएम चौहान ने कहा कि कलाकारों की चिंता करना मध्यप्रदेश सरकार का कर्त्तव्य है। कलाकारों को रोजगार मिलता रहे, इसके लिये संस्कृति विभाग सालभर कार्यक्रम करता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिल कर कला, संगीत, नृत्य की परंपरा को जीवित रखना होगा। आदिवर्त संग्रहालय को अब पूरी दुनिया देखेगी। जनजातीय कला का अब विश्व स्तरीय प्रकटीकरण होगा। समारोह के अंत में मुख्यमंत्री श्री चौहान , केंद्रीय मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार, प्रभारी मंत्री श्री सखलेचा ने मंच से नीचे आकर खाट पर बैठ कर कलाकारों के साथ फोटो भी खिचवाएँ तथा कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य को देखा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश शासन के राज्य शिखर सम्मान से कलाकारों को अलंकृत भी किया। पदमश्री भूरी बाई, गोंड चित्रांकन के लिए दुर्गा बाई व्याम, बैगा नृत्य के लिए अर्जुन सिंह धुर्वे एवं जोधैया बाई, राई नृत्य को विश्वमंच पर पहचान दिलाने के लिए पदमश्री रामसहाय पांडेय को अलंकृत किया। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए अश्विनी कुमार दुबे, संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए डॉ भगवतीलाल राज पुरोहित एवं डॉ विजया शर्मा, रूपंकर कला के लिए अनिल कुमार, नाटक क्षेत्र के लिए प्रशांत खिड़वड़कर, जनजातीय और लोककला के क्षेत्र में योगदान के लिए सावित्री बाई बैगा, सारंगी वादन के क्षेत्र में योगदान के लिए उस्ताद मुन्ने खान को सम्मानित किया।