धौलपुर: नेशनल साइंस डे पर किड्स पैराडाइज स्कूल के बच्चों ने बनाए जीवन को और अधिक सरल बनाने वाले मॉडल्स

धौलपुर जिले के बाड़ी शहर के प्रतिष्ठित अंग्रेजी माध्यम किड्स पैराडाइज स्कूल में नेशनल साइंस डे मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ प्रमिला चौधरी ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल की प्रिंसिपल डॉ साहिल त्रिवेदी जी ने की। कार्यक्रम में लगभग 70 से अधिक बच्चों ने 35 से अधिक साइंस मॉडल्स बनाए जो आधुनिक जीवन को और अधिक सरल बनाने से संबंधित थे।

बिना खर्च का इंटरनेट, बिजली, वर्षा सूचक यंत्र, अग्नि सूचक यंत्र, वाटर प्यूरीफायर, और ऐसे ही अनेक एक से बढ़कर एक मॉडल्स बच्चों ने प्रस्तुत किए। स्कूल डायरेक्टर सुनील मित्तल ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विभिन्न समस्याओं के निवारण हेतु जो आइडियाज हमारे मस्तिष्क में आते हैं उन्हें सबके सामने लाने का मौका हमें ऐसे कार्यक्रमों में मिलता है। इन सभी प्रतिभाओं को हार्दिक बधाई।

हमारा देश ऐसा देश है जहाँ पर अनेक विद्वान और गुणी लोगों का जन्म हुआ, उनके कार्यो ने अपने देश का नाम तो ऊँचा किया साथ ही हमें भी टेक्नोलॉजी में आगे भी बढ़ाया, मिसाइल मैन एपीजी अब्दुल कलाम हो, सीवी रमन हो या और कोई महान वैज्ञानिक, सभी ने भारत के मस्तक पर सफलता का ताज पहनाया है। आज के युग में हम चाँद पर पहुंच गए है, मंगल की यात्रा भी सफल रही है, और तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर दुनिया से आगे निकल रहे है, बिना टेक्नोलॉजी के आज जीना संभव नहीं है। 

टेक्नोलॉजी और साइंस ने हमें अनेकों आधुनिक औजार दिए हैं, दवाइयां, मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट, ऐरोप्लेन और ऐसी वो सारी चीजे जिनसे हमारा घंटो का काम मिनटों में होता है। आज विकास की दर भारत में ऊपर उठती जा रही है, और इसका मतलब ये है की आगे चलकर भारत दुनिया में शिखर पर होगा, विश्वगुरु होगा, आप सब भी पढ़कर अपना भविष्य बनाओगे और ऐसा ही कुछ करोगे, जो देश का नाम ऊँचा करेगा। 

सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाओ ने भी इसमें अपना योगदान दिया है, कल्पना चावला को आप भूले नहीं होंगे, राष्ट्र निर्माण के लिए विज्ञान बहुत जरुरी है, धरती से चाँद की दूरी जानना, या परमाणु ताकत बनना ये सब विज्ञान की बदौलत ही संभव हो पाया है। आज ये दिन मनाने का कारण वैज्ञानिको को सम्मान देना उनके कार्यो को याद करना और युवाओ में विज्ञान के प्रति जागरूकता फैलाना है।

विज्ञान जगत को  दे डाला जिन्होंने एक उपहार

सी वी रमन थे वो जिन्होंने बदल डाला संसार।

20 फरवरी को देश में चमका एक सितारा

जग में जिन्होंने रमन प्रभाव परिकल्पना को साकारा।

विज्ञान एक ऐसा हथियार है,

जिसका स्वभाव व्यक्ति के स्वभाव के

साथ बदल जाता है, अगर व्यक्ति अच्छा

होगा तो विज्ञान एक वरदान बन जाएगा.

अगर व्यक्ति बुरा होगा तो विज्ञान एक

अभिशाप बन जाएगा।

अगर आप विज्ञान के छात्र है,

तो आपको असम्भव को भी

संभव बनाने का प्रयास अवश्य करना चाहिए

आपकी कल्पना की उड़ान इतनी ऊँची

होनी चाहिए कि आसमान का कद भी

छोटा लगने लगे।