सनातन धर्म में प्रत्येक मास में आने वाली पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। सनातन पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णमासी अथवा पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होता है और अधिक प्रकाशमान होता है।
सनातन मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ ही दान करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और पुण्य प्राप्त होता है, जिससे पापों का नाश होता है। पूर्णिमा के दिन व्रत रखने का सनातन विधान भी है, इस दिन श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं।
सनातन धर्म में यूं तो प्रत्येक पूर्णिमा का विशेष महत्व है, लेकिन पवित्र नदियों में स्नान और दान के लिए कार्तिक, पौष, पौष और वैशाख मास की पूर्णिमा को अत्यंत शुभ माना जाता है। पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर चन्द्रमा की पूजा की जाती है।
भविष्य पुराण के अनुसार पूर्णिमा के दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाकर या पवित्र नदी स्नान करने से सारे पाप मिट जाते हैं। यदि कोई श्रद्धालु तीर्थ-स्थल पर नहीं जा सकता तो वो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान कर सकता है। पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण करना भी बेहद शुभ माना गया है।
वर्ष 2024 की पूर्णिमा
गुरुवार 25 जनवरी- पौष पूर्णिमा
शनिवार 24 फरवरी- माघ पूर्णिमा
सोमवार 25 मार्च- फाल्गुन पूर्णिमा
मंगलवार 23 अप्रैल- चैत्र पूर्णिमा
गुरुवार 23 मई- वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा
शनिवार 22 जून- ज्येष्ठ पूर्णिमा
रविवार 21 जुलाई- आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा
सोमवार 19 अगस्त- श्रावण पूर्णिमा
बुधवार 18 सितंबर- भाद्रपद पूर्णिमा
गुरुवार 17 अक्टूबर- अश्विन पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा
शुक्रवार 15 नवंबर- कार्तिक पूर्णिमा
रविवार 15 दिसंबर- मार्गशीर्ष पूर्णिमा