नई दिल्ली (हि.स.)। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज वरुण एरोन ने मौजूदा रणजी ट्रॉफी सीज़न के बाद रेड-बॉल क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले की घोषणा की है, जिसका मतलब है कि चल रहा झारखंड बनाम राजस्थान मैच उनका अंतिम रेड-बॉल मैच होगा।
बता दें कि झारखंड पहले ही क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो चुका है और यह 2023-24 सीज़न का उनका अंतिम मैच है। हालाँकि 34 वर्षीय गेंदबाज ने कहा कि वह सफेद गेंद वाले क्रिकेट में खेलना जारी रखेंगे और सीमित ओवरों के मुकाबलों में उनके भविष्य पर फैसला अगले घरेलू सीज़न की शुरुआत से पहले लिया जाएगा।
एरोन ने लंबे प्रारूप के खेल को छोड़ने के फैसले के पीछे का कारण अपने शरीर की लंबे प्रारूपों में एक तेज गेंदबाज के कार्यभार के दबाव को संभालने में असमर्थता बताया है। इस तेज गेंदबाज को पिछले कुछ वर्षों में कई चोटें भी लगी हैं, जिसका पहले से ही उनके शरीर पर काफी असर पड़ा है।
एरोन ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो के हवाले से कहा, “मैं 2008 से लाल गेंद क्रिकेट खेल रहा हूं। चूंकि मैंने तेज गेंदबाजी की, इसलिए मुझे कई चोटें लगीं। अब मैं समझता हूं कि मेरा शरीर मुझे लाल गेंद क्रिकेट में तेज गेंदबाजी जारी रखने की इजाजत नहीं देगा, इसलिए मैंने इस प्रारूप को छोड़ने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा, “यह मेरे परिवार और जमशेदपुर के लोगों के सामने मेरा आखिरी मैच हो सकता है, क्योंकि हम अक्सर यहां [कीनन स्टेडियम] सफेद गेंद वाले मैच नहीं खेलते हैं। मैंने अपना करियर यहीं से शुरू किया था, इसलिए यह मेरे लिए काफी भावनात्मक है।”
अपनी घातक गति के लिए मशहूर एरोन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 18 बार भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने भारत के लिए 9 टेस्ट मैचों के साथ-साथ 9 वनडे मैच भी खेले। उन्होंने खेल के सबसे लंबे प्रारुप में 18 विकेट लिए हैं और 50 ओवर के प्रारूप में 11 विकेट हासिल किए।
उन्हें शायद इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड को जोरदार बाउंसर देने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है, जिससे इंग्लैंड के क्रिकेटर की नाक में फ्रैक्चर हो गया था। अपने क्रिकेटिंग करियर के बाद, एरोन एमआरएफ पेस फाउंडेशन के साथ काम करेंगे, ताकि देश में उनके जैसे और अधिक तेज गेंदबाजों को तैयार किया जा सके।