कथा, नाटक, आलोचना और उपन्यास में समान रूप से हस्तक्षेप रखने वाले पद्मश्री साहित्यकार गिरिराज किशोर का 83 वर्ष की उम्र में रविवार की सुबह उनके कानपुर स्थित निवास में निधन हो गया। भारत सरकार ने उन्हें सन् 2007 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।
गिरिराज किशोर को उनके उपन्यास पहला गिरमिटिया से विशेष पहचान मिली। यह उपन्यास महात्मा गांधी के अफ़्रीका प्रवास पर आधारित था। इसके अलावा उपन्यास ढाई घर भी बहुत लोकप्रिय हुआ था, इसी उपन्यास को सन् 1992 में साहित्य अकादमी से सम्मानित किया गया था।
उनकी लिखी प्रमुख रचनाओं में लोग, चिड़ियाघर, जुगलबंदी, तीसरी सत्ता, दावेदार, यथा-प्रस्तावित, इन्द्र सुनें, अन्तर्ध्वंस, परिशिष्ट, यात्रायें, उपन्यास ढाईघर, दस कहानी संग्रह, सात नाटक, एक एकांकी संग्रह, चार निबंध संग्रह तथा महात्मा गांधी की जीवनी पहला गिरमिटिया प्रकाशित हुई हैं।