नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बैंकिंग पहुंच बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) से सूक्ष्म, लघु एवं मझोली इकाइयों (एमएसएमई) क्लस्टर के साथ सामंजस्य रखने वाले उपयुक्त उत्पाद तैयार करने को कहा।
सीतारमण ने राजधानी नई दिल्ली में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के चेयरमैन और उनके प्रायोजित बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ एक समीक्षा बैठक में यह बात कही। वित्त मंत्री ने एमएसएमई क्लस्टरों में आरआरबी शाखाओं द्वारा सक्रिय आउटरीच पर जोर दिया, ताकि छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को ऋण सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आरआरबी को क्लस्टर गतिविधियों के साथ संरेखित उपयुक्त एमएसएमई उत्पाद तैयार करने चाहिए और बैंकिंग पहुंच बढ़ाने के लिए अपने व्यक्तिगत और स्थानीय संपर्क का लाभ उठाना चाहिए। वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोली इकाइयों (एमएसएमई) के लिए बनाए गए क्लस्टर में स्थित आरआरबी शाखाओं को कपड़ा, लकड़ी के फर्नीचर, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, पैकिंग सामग्री जैसे क्षेत्रों में छोटे एवं सूक्ष्म उद्यमों को कर्ज देने पर जोर दिया।
इस समीक्षा बैठक में 43 आरआरबी ने एमएसएमई क्लस्टरों में व्यवसाय प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी सेवाओं को उन्नत करने और व्यवसाय वृद्धि को बढ़ावा देने पर केंद्रित चर्चा में भाग लिया। बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के मनोनीत नए सचिव एम नागराजू, अतिरिक्त सचिव एम पी तंगिरला और रिजर्व बैंक, सिडबी एवं नाबार्ड के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
इससे पहले आज दिन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की भी समीक्षा बैठक की। चालू वित्त वर्ष 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश होने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक थी। गौरतलब है कि आरआरबी ने पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 7,571 करोड़ रुपये का अबतक का सर्वाधिक एकीकृत शुद्ध लाभ दर्ज किया है। इनका सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) अनुपात भी पिछले 10 साल में सबसे कम 6.1 फीसदी रहा।