जयपुर (हि.स.)। इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी को आएगी। अबूझ सावा होने के कारण इस दिन विवाह सहित मांगलिक आयोजनों की धूम रहेगी। बसंत पंचमी पर विद्यालयों में विद्यादायिनी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि देवप्रबोधिनी और देवशयनी एकादशी, अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा की तरह बसंत पंचमी भी अबूझ मुहूर्त है। ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा के अनुसार पंचमी तिथि 13 फरवरी को दिन में 2:45 बजे से प्रारंभ होगी जो 14 फरवरी को दोपहर 12:12 बजे तक रहेगी। इस दिन रेवती अश्विनी नक्षत्र और शुभ नामक योग रहेगा। मार्च मध्य तक मांगलिक आयोजनों की बहार रहेगी। फरवरी में बीस से अधिक सावे हैं। मार्च में 4, 5, 6, 7 को मांगलिक आयोजन होंगे। 12 मार्च को फुलेरा दोज का अबूझ सावा रहेगा। फिर अप्रैल में मांगलिक आयोजन होंगे।
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि 14 फरवरी को सरस्वती पूजा का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन से बसंत ऋतु की भी शुरुआत होगी। वहीं 100 साल के बाद इस साल सरस्वती पूजा के दिन विशेष संयोग बन रहा है, इस दिन रेवती नक्षत्र, पंचमी तिथि और बुधवार रहेगा।
इस दिन शुक्ल योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसे कई योग का निर्माण एक साथ होने जा रहा है। सबसे खास यह है कि बसंत पंचमी के दिन शिव वास का भी योग है, जो इस दिन को और खास बनाता है। यानी विद्यार्थियों को माता सरस्वती के साथ ही भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिलने वाला है।